GST और कस्टम एक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला, इन प्रावधानों को दी गई है चुनौती

जीएसटी व अन्य कानून के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा. याचिका में सीजीएसटी (सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स)/SGST (स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) और सीमा शुल्क एक्ट के प्रावधानों को चुनौती दी गई है. इस पर CJI संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ आज सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगी.

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281 याचिकाओं के जरिए जीएसटी, सीमा शुल्क और पीएमएलए एक्ट के विभिन्न प्रावधानों को भी चुनौती दी गई है. पिछले साल 15 मई को सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर फैसला सुरक्षित रखा था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो कानून की व्याख्या कर सकता है. स्वतंत्रता से वंचित करने वाले किसी भी उत्पीड़न से नागरिकों के बचाव के लिए उचित दिशा-निर्देश दे सकता है.

जीएसटी की धारा-69 में अस्पष्टता पर चिंता जताई थी

सुप्रीम कोर्ट ने जीएसटी की धारा-69 में अस्पष्टता पर चिंता जताई थी, जो गिरफ्तारी की शक्तियों से संबंधित है. उधर, उत्तर प्रदेश से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया. ये मामला प्रदेश के सरकारी अधिकारियों को केवल सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने के आदेश से संबंधित है.

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2018 के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें प्रदेश के सरकारी अधिकारियों को केवल सरकारी अस्पतालों में ही इलाज कराने की बात कही गई थी. हाई कोर्ट ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार की कोशिश के तहत निर्देश जारी किया था.

ऐसे आदेश नीतिगत फैसलों में हस्तक्षेप करते हैं

इस पर सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कहा, इस तरह के आदेश नीतिगत फैसलों में हस्तक्षेप करते हैं. साथ ही उपचार के संबंध में व्यक्तिगत विकल्प को सीमित करते हैं. पीठ ने सरकारी अधिकारियों के लिए उपचार के विकल्पों को सीमित करने के पीछे के औचित्य पर सवाल उठाया.

सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट नीतिगत फैसला कैसे दे सकता है कि किसी व्यक्ति को कहां उपचार करवाना चाहिए या नहीं? हालांकि अस्पताल की स्थिति में सुधार करने का इरादा सराहनीय है. मगर, ऐसे निर्देश व्यक्तिगत पसंद को दरकिनार नहीं कर सकते.

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