सूरजपुर: दृष्टिहीन नाबालिग से बार-बार दुष्कर्म करने वाले सौतेले पिता और रिश्तेदार को उम्रकैद, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

सूरजपुर: जिले से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है, जिसमें दृष्टिहीन नाबालिग बच्ची के साथ बार-बार दुष्कर्म किया गया. वो भी उन्हीं दो लोगों द्वारा जिन पर उसकी रक्षा का दायित्व था. गुरुवार को इस बहुचर्चित मामले में सूरजपुर की विशेष फास्ट ट्रैक अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दोनों दरिंदों को अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई. यह फैसला सिर्फ एक न्यायिक निर्णय नहीं, बल्कि पूरे समाज को एक कठोर और आवश्यक संदेश है कि मासूमों पर अत्याचार करने वालों को अब कहीं भी पनाह नहीं मिलेगी.

यह मामला ओड़गी थाना क्षेत्र का है. दृष्टिहीन नाबालिग बच्ची के साथ उसके सौतेले पिता वंशलाल द्वारा वर्ष 2022 से 2024 तक लगातार दुष्कर्म किया गया. बच्ची अपनी माँ के साथ रहती थी और माँ की अनुपस्थिति में वहशी पिता अपनी हवस मिटाता रहा. सब कुछ वहीं थमा नहीं. 9 जुलाई 2024 को जब मासूम पहले से टूटी हुई हालत में थी, उसी दिन उसके रिश्ते में नाना लगने वाले धर्मेंद्र गुर्जर ने भी उसे अकेला पाकर कमरे में बंद किया और दरिंदगी की सारी सीमाएं पार कर दीं.

विशेष न्यायाधीश आनंद प्रकाश वारियाल की अदालत ने मामले की गहन सुनवाई के बाद दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया. वंशलाल को पॉक्सो एक्ट की धारा 6 एवं भारतीय न्याय संहिता की धारा 127 के तहत अंतिम सांस तक उम्रकैद और 1,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई. धर्मेंद्र गुर्जर को भी अंतिम सांस तक आजीवन कारावास, 1,000 रुपये का जुर्माना तथा भारतीय न्याय संहिता की धारा 127 के तहत अतिरिक्त एक वर्ष का कठोर कारावास और 500 रुपये जुर्माने की सजा दी गई.

शासन की ओर से नियुक्त विशेष लोक अभियोजक नरेश कौशिक ने इस संवेदनशील मामले में बिना किसी दबाव और भय के प्रभावशाली पैरवी की. तथ्य, गवाह, चिकित्सकीय रिपोर्ट और पीड़िता के बयान को ठोस तरीके से प्रस्तुत कर अदालत को यह समझाने में सफलता पाई कि दोनों आरोपी न केवल दोषी हैं, बल्कि समाज के लिए अत्यंत घातक भी.

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