सूरजपुर: जिले के भैयाथान ब्लॉक के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धरसेडी में गुरुवार शाम का समय बच्चों के लिए मौत का मंजर बनकर आया.तेज बारिश और गरज-चमक के बीच अचानक आकाशीय बिजली विद्यालय परिसर पर गिरी. इसकी चपेट में आकर 12वीं कक्षा की छात्रा रजंती (पिता दिलीप सिंह, निवासी ग्राम पंचायत धरसेडी बिरसापारा) बुरी तरह झुलस गई. घटना इतनी भयावह थी कि कुछ पल के लिए पूरा विद्यालय दहशत और अफरा-तफरी में बदल गया. सहपाठी बच्चे चीखते-रोते रहे, शिक्षक भी सदमे में आ गए.
झुलसी छात्रा को तत्काल 108 एंबुलेंस की मदद से भैयाथान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया गया, जहाँ उसका इलाज जारी है. परिजन रोते-बिलखते अस्पताल पहुँचे और बच्ची की हालत देखकर स्तब्ध रह गए.
बिजली गिरने का असर सिर्फ छात्रा तक सीमित नहीं रहा.विद्यालय का भवन भी इसकी चपेट में आया.दरवाजे और खिड़कियां चटक गईं, खंभों और दीवारों में दरारें पड़ गईं.ग्रामीणों ने बताया कि यह हादसा इसलिए और भयावह हो गया क्योंकि विद्यालय भवन में तड़ित चालक (लाइटनिंग एरोस्टॉपर्स) की व्यवस्था ही नहीं है.
स्थानीय लोग और अभिभावक प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं.उनका कहना है कि प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए बुनियादी इंतजाम नहीं हैं.अगर समय रहते सुरक्षा उपकरण लगाए जाते, तो इस हादसे को टाला जा सकता था.
इस घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है.बच्चे अब विद्यालय जाने से डर रहे हैं, जबकि अभिभावक अपने बच्चों की जान की सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं.शिक्षक और ग्रामीण प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि सभी स्कूल भवनों में तत्काल तड़ित चालक लगाए जाएँ और क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत की जाए.
धरसेडी हादसे ने साफ कर दिया है कि मौसमी बदलाव और प्राकृतिक आपदाओं के समय बच्चों की जान सुरक्षित रखने के लिए पूर्व-निवारक कदम उठाना अब बेहद जरूरी है.सवाल यही है कि क्या प्रशासन अगली गाज गिरने से पहले जागेगा, या फिर किसी और मासूम की जान जाएगी?