सूरजपुर: जिले के ग्राम सेमई में जमीन विवाद को लेकर हुई एक सुनियोजित हत्या के मामले में अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए 12 आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ओमप्रकाश सिंह चौहान की अदालत ने आरोपितों को हत्या, आपराधिक षड्यंत्र और सामूहिक हमले का दोषी करार दिया।
यह मामला 24 जून 2022 का है, जब सेमई गांव निवासी हिरदलराम राजवाड़े की हत्या उस समय कर दी गई थी, जब वह अपनी खरीदी गई जमीन के सीमांकन कार्य के लिए गांव जा रहे थे। रास्ते में ही गांव के कुछ लोगों ने उन्हें घेरकर बेरहमी से मार डाला। हिरदल राम ने चार एकड़ 90 डिसमिल जमीन बईगासाय लोहार से खरीदी थी, लेकिन लोहार के ही कुछ रिश्तेदारों ने उस पर कब्जा कर लिया था। सीमांकन के आदेश के बाद आरोपितों ने मिलकर हत्या की साजिश रची और वारदात को अंजाम दिया।
घटना की जानकारी मृतक के पुत्र कमल राजवाड़े को ग्राम सरपंच के माध्यम से शाम को मिली, जिसके बाद थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस ने मामले में IPC की धारा 148, 341/149, 120 बी और 302 के तहत प्रकरण दर्ज करते हुए 12 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। मामले की जांच के बाद सभी आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र अदालत में पेश किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक कृष्ण कुमार नाविक ने प्रभावशाली ढंग से पक्ष रखा। सुनवाई के बाद न्यायालय ने यह निष्कर्ष निकाला कि सभी आरोपितों ने पूर्व नियोजित षड्यंत्र के तहत हत्या की थी।
दोषी पाए गए सभी 12 लोग एक ही परिवार से हैं, जिनमें पांच महिलाएं भी शामिल हैं। इनकी उम्र 24 से 65 वर्ष के बीच है। दोषियों के नाम हैं: दशरथ विश्वकर्मा, विनोद विश्वकर्मा, जगजीवन उर्फ जीवन विश्वकर्मा, बसंत विश्वकर्मा, शिवधारी विश्वकर्मा, रामचंदर, शिवबरन, आतर, अनीता, रजवंती, गणेशपति और बसंती। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि दोषियों ने यह जानते हुए गंभीर अपराध को अंजाम दिया, जो समाज के लिए अत्यंत चिंताजनक है। यह निर्णय स्पष्ट संदेश देता है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, और गंभीर अपराध करने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।