कपड़ा और हीरा नगरी के नाम से मशहूर सूरत अब देश में अंग दाता शहर के रूप में मशहूर हो रहा है. 11 अप्रैल को खोलवड निवासी किरणकुमार लस्काना रेलवे ब्रिज के पास एक अज्ञात वाहन चालक द्वारा टक्कर मारने के बाद सिर में चोट लगने के कारण बेहोश हो गए. जिसके बाद उन्हें उपचार के तहत अस्पताल में भर्ती कराया गया. प्राथमिक उपचार के बाद परिवार ने उसे आगे के इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया. डायग्नोस्टिक सीटी स्कैन में ब्रेन हेमरेज और मस्तिष्क में खून जमने का पता चला.
14 अप्रैल को किरणकुमार को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. जिसके बाद परिवार वालों ने उनके अंग दान करने की इच्छा जताई. इसके साथ ही डोनेट लाइफ टीम अस्पताल पहुंची और किरणकुमार के परिवार के अन्य सदस्यों को अंगदान का महत्व और इसकी पूरी प्रक्रिया समझाई. किरणकुमार के भाई दिनेशभाई ने कहा कि हम अक्सर अखबारों में अंगदान के बारे में खबरें पढ़ते हैं. अंगदान का कार्य एक ईश्वरीय कार्य है, जब शरीर राख में बदलने वाला हो तो कृपया मेरे भाई के अधिक से अधिक अंगों का दान कर अंग विफलता के रोगियों को जीवन देने के लिए आगे बढ़ें. परिवार से अंगदान की सहमति मिलने के बाद एसओटीटीओ से संपर्क किया गया. SOTTO ने सूरत के किरण अस्पताल को एक लीवर, अहमदाबाद को दो किडनी में से एक सिम्स अस्पता में और एक स्टर्लिंग अस्पताल में दान गए.
सूरत और दक्षिण गुजरात से डोनेट लाइफ द्वारा कुल 1224 अंग और टीसुओका दान किए गए हैं. जिसमें 498 किडनी, 217 लीवर, 51 हृदय, 48 फेफड़े, 8 अग्न्याशय, 4 हाथ, 1 छोटी आंत और 397 आंखें दान की गई हैं, देश और विदेश के कुल 1124 व्यक्तियों को नया जीवन देने में सफलता मिली है और एक नई दृष्टि.