सरगुजा: जिले की लखनपुर क्षेत्र में कोयला तस्कर बेखौफ होकर बड़े पैमाने पर कोयला तस्करी कर है. बाहरी कोल माफिया स्थानीय कोल माफिया के साथ मिलकर बाइकर्स गैंग की मदद से कोयला एकत्रित कर पिकअप और ट्रक के माध्यम से अवैध कोयला परिवहन कर दूसरे राज्यों में कोयला तस्करी की जा रही है. सूचना के बाद ही पुलिस इन कोल तस्करों पर कार्यवाही करने से कतरा रही है.
मिली जानकारी के मुताबिक लखनपुर थाना क्षेत्र के अमेरा खदान के सीमा पर स्थित कटकोना से तस्करों के द्वारा स्थानीय ग्रामीणों की मदद अवैध खड्डा खुदवाकर बड़े स्तर से कोयला बाहर निकलवाया जाता है. वहीं बाइकर गैंग की मदद से उन कोयलो को ग्राम सिरकोतगा, सुकरी, केवरा, पुहपुतरा सहित अन्य ईट भट्टे में कोयला एकत्रित कर रात के अंधेरे में पिकप और ट्रक में भरकर दूसरे राज्यों में कोयला की तस्करी की जा रही है.
बताया जा रहा है कि कोल माफियाओं के द्वारा बाइकर्स गैंग को 50-50 हजार रुपए और बाइकर्स को ₹20=20 हजार रुपए एडवांस के रूप में रकम दिया गया है और इन्हीं बाइकर्स गैंग की मदद से बड़े पैमाने पर कोयला तस्करी के खेल को कोल माफिया अंजाम दे रहे हैं. कोयला तस्करी को लेकर कई बार पुलिस को सूचना मिली परंतु पुलिस कार्रवाई करने से कतरा रही है. बताया जा रहा है कि बाहर के कोल माफियाओ द्वारा स्थानीय कोल माफिया से मिलकर इस पूरे खेल को अंजाम दिया जा रहा है.
सूचना के बाद बीच में पुलिस के द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती है. पिछले माह में पुलिस टीम के द्वारा 6 से अधिक बाइकर्स गैंग के सदस्यों को कोयला परिवहन करते पकड़ा गया था. लगभग आधा ट्रैक्टर कोयला भी जप्त कर थाना लाया गया था. लेकिन पुलिस ने किसी भी बाइकर्स बैंक के खिलाफ न तो कार्रवाई की गई और लखनपुर थाने परिसर में रखा कोयला भी गायब हो गया इस घटना से पुलिस प्रशासन के ऊपर कई सवालों को जन्म दे रहा है. अगर पुलिस प्रशासन चाहे तो अवैध कोयला परिवहन पर अंकुश लग सकता है. अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस किस प्रकार की कार्रवाई इन कोल माफियाओं पर करती है या फिर या खेल बदस्तूर जारी रहेगा.
हजारों की संख्या में बाइक से कोयले का अवैध परिवहन
अवैध कोयला तस्करी मामले में हजारों की संख्या में बाइकर्स की मदद ली जा रही हैं। प्रत्येक बाइकर्स को ₹20000 और बाइकर्स गैंग को 50-50000 रुपए इस काम के लिए एडवांस के रूप में दी गई है. और इन कोयला को एक जगह एकत्रित कर पिकअप और ट्रक के माध्यम से कोल माफियाओं के द्वारा दूसरे राज्यों में कोयला ले जाया जा रहा है. कोल माफिया इसे बेचकर मोटी रकम कमाई कर रहे है। यही नहीं शासन को भी करोड़ों रुपए का क्षति पहुंचाया जा रहा है.
100 रुपए से लाखों का कोयला
अमेरा खदान के सीमा पर स्थित कटकोना से ग्रामीणों के द्वारा बोरी में भरकर 30 फिट ऊपर पहुंचाकर 100 रुपए बोरी बाइकर्स को बेचा जाता है. ईट भट्टे तक पहुंचते 300 रुपए बोरी इसका रेट हो जाता है. वही कोल माफिया द्वारा ₹4 रुपए किलो के भाव से कोयला खरीदा जाता है. दूसरे राज्यों में 1.50 लाख से लेकर 2 लाख तक विक्रय किया जा रहा है. एक चैन के माध्यम से₹100 का कोयला लाखों रुपए में बिक रहा है और शासन को करोड़ों रुपए की छती हो रही है.
चिमनी और गमले भट्ठे में खापाया जा रहा अवैध कोयला
लखनपुर ,दरिमा, सुखरी विश्रामपुर क्षेत्र में संचालित चिमनी भट्ठे सहित अवैध गमले भट्ठे में इन कोयले को खपाया जा रहा है। यही नहीं क्षेत्र में कोयले की उपलब्धता होने से कुकुरमुत्ता की तरह अवैध गमले भट्ठे का भी संचालन हो रहा है इन अवैध गमले भट्ठे में अवैध कोयला खपाने का खेल भी चल रहा है। विगत दिनों पूर्व लखनपुर क्षेत्र के ग्राम पलगड़ी में अवैध गमले भट्ठे में काम कर रहे दो मजदूर दंपति की भी मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि प्लास्टिक के तंबू के अंदर कोयले जलाकर मजदूर दंपति सोया हुआ था और सवेरे उनकी लाश मिली थी। घटना के बाद से उक्त गमले भट्ठे से कोयले को हटा दिया गया था। जो कि जांच का विषय है।