अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani) ने भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी (Eric Garcetti) के भारतीय संस्कृति को अपनाने और कड़क चाय पीने से लेकर छोले भटूरे के प्रति उनकी दीवानगी को देखकर खुशी जताई है. गार्सेटी ने गुजरात में अदाणी ग्रुप की खावड़ा रिन्यूएबल एनर्जी फैसिलिटी (Khavda Renewal Energy Facility) का दौरा किया. उन्होंने कहा कि यह देखकर अच्छा लगा कि अदाणी ग्रुप भारत को कार्बन मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर रहा है. इसके बाद गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एरिक गार्सेटी के लिए पोस्ट किया है.
गौतम अदाणी ने कहा कि वह अमेरिकी राजदूत के खावड़ा में उनके ग्रुप की 30 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी फैसिलिटी और मुंद्रा पोर्ट के दौरे के लिए आभारी हैं. गौतम अदाणी ने कहा, “इस दौरान अमेरिकी राजदूत ने भू-राजनीति, एनर्जी ट्रांजिशन और भारत-अमेरिकी संबंधों पर खुल कर बात की. अमेरिकी राजदूत का कड़क चाय पीने, होली मनाने, क्रिकेट खेलने, हिंदी में बोलने, रोज छोले भटूरे खाने व भारतीय संस्कृति के प्रति प्रेम अद्भुत है.”
Grateful to @USAmbIndia for his visit to Adani's 30 GW Renewable Energy site at Khavda and Mundra Port. Invaluable insights on geopolitics, energy transition and India-U.S. relations in an open and candid Q&A with Adanians. Amazing to see his adoption of Indian culture, from… https://t.co/1oyd5IRF9y pic.twitter.com/ZOCNr2VApr
— Gautam Adani (@gautam_adani) July 16, 2024
अदाणी ग्रुप गुजरात के कच्छ के खावड़ा में 538 वर्ग किलोमीटर बंजर भूमि पर 30 हजार मेगावाट की दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट विकसित कर रहा है. यह पेरिस के क्षेत्रफल से पांच गुना और मुंबई शहर जितना बड़ा है.
इसके पहले गार्सेटी ने X पर पोस्ट किया, “गुजरात में खावड़ा रिन्यूएबल एनर्जी फैसिलिटी की अपनी यात्रा के दौरान मैंने भारत के जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों को आगे बढ़ाने वाली अदाणी ग्रीन की परियोजनाओं के बारे में जाना. ग्रीन ऊजा पर्यावरण संरक्षण की आधारशिला है.” गार्सेटी ने कहा, “क्षेत्र और दुनिया के लिए क्लीन और ग्रीन फ्यूचर के लिए समाधान तैयार करने में दोनों देशों की द्विपक्षीय साझेदारी महत्वपूर्ण है.”
खावड़ा में दुनिया के सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी फैसिलिटी में 12 महीने के भीतर 2GW बिजली के उत्पादन पर काम शुरू करने का एक रिकॉर्ड स्थापित किया है. 8,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैला, मुंद्रा आर्थिक केंद्र सबसे बड़े बहु-उत्पाद SEZ, मुक्त व्यापार और भंडारण क्षेत्र (FTWZ) और घरेलू औद्योगिक क्षेत्र के रूप में निवेश के विकल्प प्रदान करता है.
APSIZ का पहला बंदरगाह मुंद्रा ने 1998 में अपने पहले जहाज का स्वागत किया. तब से, कंपनी ने देश के पूर्वी और पश्चिमी तटों पर 15 बंदरगाहों और टर्मिनलों का एक नेटवर्क तैयार किया है. मुंद्रा बंदरगाह एक महीने (अक्टूबर 2023) में 16 MMT कार्गो का संचालन करने वाला भारत का पहला बंदरगाह बन गया.