बंदायू : विगत दिनों सूर्य कुंड मझिया में एक विवाद ने तूल पकड़ लिया, जब हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने वहां पीपल के नीचे स्थापित चबूतरे को तोड़कर एक शिवलिंग जैसे स्वरूप के पत्थर को वहां स्थापित किया इसके बाद, बौद्ध भिक्षुओं को उनके आवास से निकालकर उनके आश्रय स्थल पर ताला लगा दिया गया और पुलिस की मदद से उन्हें भेज दिया गया। इस घटना के बाद से बौद्ध भिक्षुओं और मौर्य शाक्य महासभा में भारी रोष फैल गया है, और वे लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
बौद्ध भिक्षुओं को सूर्य कुंड मझिया क्षेत्र में पहुंचने से रोका जा रहा है, जबकि मौर्य शाक्य समाज के नेता और समाज के अन्य वर्गों के लोग इस मामले में खुलकर सामने आए हैं। सपा और भाजपा के नेताओं ने भी बौद्ध भिक्षुओं के पक्ष में आवाज उठाई है और सरकार को पत्र भेजकर बौद्ध भिक्षुओं के लिए वहां आवास की व्यवस्था सुनिश्चित करने और सूर्य कुंड मझिया को सम्राट अशोक बौद्ध पर्यटन स्थल के रूप में संरक्षित रखने की मांग की है।
इस विवाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और बजरंग दल एक ओर खड़े हैं, जबकि दूसरी ओर बीजेपी के मौर्य शाक्य समाज के नेता, सपा के सांसदों और विभिन्न सामाजिक संगठनों का समर्थन बौद्ध भिक्षुओं के साथ है। खासकर बदायूं जिले के सपा सांसदों ने इस मुद्दे पर खुलकर बौद्ध भिक्षुओं के समर्थन में पत्र भेजा है। नीरज मौर्य और आदित्य यादव ने भी सरकार से बौद्ध स्थल को सुरक्षित रखने और भिक्षुओं को वहां लौटने की मांग की है।
इस पूरे मामले में राजनीतिक और धार्मिक मुद्दे आपस में उलझ गए हैं, और अब यह देखना होगा कि सरकार इस विवाद का समाधान कैसे करती है और क्या बौद्ध भिक्षुओं को उनका आश्रय स्थल वापस मिलेगा या नहीं।