Guillain-Barre syndrome: खंडवा के व्यक्ति में जीबीएस की आशंका, इंदौर में इलाज के लिए भर्ती

इंदौर। खंडवा जिले के आदिवासी विकासखंड खालवा के ग्राम खारकलां निवासी एक व्यक्ति को गंभीरावस्था में इंदौर के एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया है। चिकित्सकों द्वारा मरीज की प्रारंभिक जांच में गुलियन बेरी सिंड्रोम (जीबीएस) की आशंका जताई गई है।

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अभी पुष्टि नहीं लेकिन आशंका है

मरीज को लक्षणों के आधार पर जीबीएस का उपचार दिया जा रहा है। हालांकि जीबीएस की अभी अधिकारिक तौर पर पुष्टि किसी स्तर से नहीं हुई है।

स्वजन का कहना है कि तीन दिन पहले पैर में सुन्नपन के बाद पैरों ने धीरे-धीरे काम करना बंद कर दिया। धीरे से सुन्नपन गले तक पहुंचने से अब कुछ भी निगलते नहीं बन रहा है।

जिला महामारी विशेषज्ञ योगेश शर्मा का कहना है कि जिला अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर इस प्रकार के किसी मरीज की जानकारी नहीं है।

इंदौर से भी आइडीएसपी पोर्टल पर कोई जानकारी नहीं अपलोड हुई है। खारकलां में एहतियातन सर्वे करवा र ग्रामीणों को बीमारियों के प्रति सजगता की समझाइश दी जाएगी।

महाराष्‍ट्र में बढ़े थे मामले

गौरतलब है कि पिछले दिनों महाराष्ट्र के पुणे में गुलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामले बढ़ रहे थे। इस बीमारी के चलते एक मौत हो चुकी है। प्राप्‍त जानकारी के अनुसार 101 संदिग्ध मरीजों में से 73 में जीबीएस का पता चला है। जीबीएस के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है।

क्या है गुलियन-बैरे सिंड्रोम

गुलियन-बैरे सिंड्रोम एक प्रकार की न्यूरोलाजिकल ऑटोइम्यून बीमारी है। इसमें नसें और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। आमतौर पर जीबीएस बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण से होता है क्योंकि रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। हालांकि जानकार बताते हैं कि ये लाखों में किसी एक को होती है।

ये हैं जीबीएस के लक्षण

कई बार इस बीमारी से संक्रमित मरीज के हाथ और पैर में झुनझुनी भी हो सकती है। कुछ मामलों में हार्ट बीट अचानक बढ़ जाती है और बुखार भी देखने को मिलता है। कुछ जानकारों का कहना है कि बीमारी की शुरुआत में अधिकांश मामलों में हाथ और पैर सुन्न हो सकते हैं। कुछ लोगों को सांस लेने में भी परेशानी आने लगती है।

 

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