छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में कांग्रेस के पूर्व विधायक चक्रधर सिंह सिदार के भाई जयपाल सिंह सिदार की सुपारी देकर हत्या कर दी गई है। मर्डर केस में जेल में बंद आरोपी को ग्राम सचिव जयपाल पर पत्नी से अवैध संबंध का शक था। उसने जयपाल की हत्या के लिए एक लाख रुपए की सुपारी दी, जिसमें 10 हजार रुपए एडवांस में दिए गए थे।
हत्या को अंजाम देने वाले 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं हत्या की साजिश रचने वाला शिव साहू पहले से ही जेल में बंद है। आरोपियों ने जयपाल की चलती कार में गला घोंटकर हत्या की और शव को जंगल में फेंक दिया था। पुलिस कार बरामद होने के बाद आरोपियों तक पहुंची।
बता दें कि ग्राम सचिव जयपाल 7 जुलाई से लापता था। पहले तो उसे लापता मानकर पुलिस तलाश में जुटी रही, लेकिन 23 दिन बाद सिसरिंगा घाटी के जंगल में ग्राम सचिव का शव सड़ी-गली हालत में बरामद हुआ।
अब जानिए आरोपियों ने कैसे की हत्या
जयपाल सिंह सिदार (43 वर्ष) पाकरगांव का ग्राम सचिव था। शुभम गुप्ता (20 वर्ष) प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास मित्र के पद पर काम करता था। 7 जुलाई की सुबह जयपाल सिंह ने अपने बच्चे को स्कूल छोड़ा।
इसी दौरान शुभम ने जयपाल को फोन किया और उसे किसी काम के बहाने कोतबा बुलाया। इस दौरान शुभम अपने 2 अन्य साथियों कमलेश यादव और मदन गोपाल को भी साथ ले आया। सभी जयपाल की ही कार में रवाना हुए। शुभम और जयपाल पीछे बैठे थे, जबकि एक साथी गाड़ी चला रहा था।
जैसे ही गाड़ी जशपुर रोड की ओर बढ़ी, शुभम और उसके साथियों ने चलती कार में गमछे से गला घोंटकर जयपाल की हत्या कर दी।
हत्या के बाद लाश जंगल में फेंकी
हत्या के बाद आरोपियों ने जयपाल का मोबाइल बंद कर दिया और शव को लेकर जशपुर रोड के आसपास घूमते रहे। बाद में वे धरमजयगढ़ के पास सिसरिंगा घाटी पहुंचे और शव को जंगल में फेंक दिया।
शव को छिपाने के बाद उसका मोबाइल फोन मैनपाट के जंगल में फेंक दिया गया। गाड़ी का नंबर प्लेट हटाकर आरोपी कुछ दिनों तक उसे चलाते रहे। इसके बाद 21 जुलाई को कार को लाखा के पास सड़क किनारे छोड़कर फरार हो गए। आरोपियों ने सबूत मिटाने के लिए हत्या में इस्तेमाल किया गया गमछा जला दिया।
पत्नी से अवैध संबंध के शक में मर्डर
ग्राम सचिव की हत्या के पीछे अवैध संबंधों को लेकर रंजिश की बात सामने आई है। इस मामले में रायगढ़ के फुटहामुड़ा का रहने वाला शिव साहू मुख्य साजिशकर्ता है, जो पहले से ही एक हत्या के केस में जेल में बंद है। उसकी पत्नी पाकरगांव में रोजगार सहायिका है।
शिव साहू को शक था कि उसकी पत्नी और जयपाल सिंह के बीच अवैध संबंध है। इसी शक के चलते उसने जयपाल की हत्या की साजिश रची।
1 लाख की सुपारी देकर कराई हत्या
करीब 6 महीने पहले जब शिव साहू पैरोल पर जेल से बाहर आया था। उसने शुभम गुप्ता से जयपाल की हत्या के लिए बात की। 1 लाख रुपए में सुपारी तय की। शुभम ने जयपाल की हत्या की सुपारी ले ली और जून में अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या की प्लानिंग की।
3 जुलाई को जब शिव दोबारा पैरोल पर बाहर आया, तो उसने शुभम को एडवांस में 10 हजार रुपए कैश दिए। इसके बाद 7 जुलाई को शुभम और उसके 2 साथियों ने मिलकर जयपाल की हत्या कर दी।
फोन से मिला आरोपियों का सुराग
21 जुलाई को आरोपियों ने जयपाल की कार से नंबर प्लेट हटा दी और उसे लाखा के पास लावारिस हालत में छोड़कर फरार हो गए। जब पुलिस को यह कार मिली, तो उन्होंने फिर से जांच शुरू की।
पुलिस ने 7 जुलाई की घटनाओं को सिलसिलेवार खंगालना शुरू किया। कौन-कौन उस दिन जयपाल से मिला, और किसने उसे फोन किया, इसका रिकॉर्ड निकाला गया। इसी जांच में शुभम गुप्ता का नाम सामने आया।
इसके बाद पुलिस ने शुभम की गतिविधियों पर नजर रखना शुरू किया। शक गहराने पर उसे हिरासत में लिया गया और पूछताछ की गई। पुलिस की पूछताछ में पहले तो शुभम ने टालमटोल किया, लेकिन कड़ाई से पूछने पर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
पैरोल में जेल से आए आरोपी ने दी सुपारी
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने बताया कि सुपारी देने वाला आरोपी शिव साहू, पहले से ही एक हत्या के मामले में जेल में बंद है। इस केस में कुल 4 लोग आरोपी हैं, जिनमें से 3 को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है।