बिलासपुर: भारतमाला सड़क परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं की शिकायत मिली थी. शिकायत के बाद संबंधित मामले में नामजद होने के बाद निलंबित राजस्व अधिकारी ने शुक्रवार को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस अधिकारी ने बताया कि सेवानिवृत्त होने से कुछ दिन पहले ही उसने यह कदम उठाया. 30 जून को मृतक राजस्व अधिकारी सेवानिवृत होने वाला था.
पटवारी ने दी कथित तौर पर जान: सकरी पुलिस थाने के अधिकारी प्रदीप आर्य ने बताया कि राज्य राजस्व विभाग में पटवारी सुरेश कुमार मिश्रा आज दोपहर जोकी गांव में अपनी बहन के फार्म हाउस में जान दी. मृतक का शव वहां लटका मिला. पुलिस ने शव को बरामद कर पंचनामे के लिए भिजवा दिया है. पीएम रिपोर्ट का पुलिस को अब इंतजार है. पीएम रिपोर्ट आने के बाद मौक का कारण और समय साफ हो पाएगा.
मृतक का लिखा पत्र मिला: अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल पर मिले एक नोट में कहा गया है कि वह निर्दोष है और इसमें अन्य अधिकारियों के साथ-साथ अनियमितताओं में कथित रूप से शामिल एक ग्रामीण के नाम भी हैं. अधिकारी ने बताया कि इसके बारे में जांच की जा रही है. एसएचओ आर्य ने बताया कि जिला कलेक्टर को संबोधित एक पत्र भी पास में मिला है, जिसमें मिश्रा ने खुद को निर्दोष बताया है और अपनी बहाली की मांग की है.
मिश्रा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले थे: आरोपी पटवारी कों 24 जून को निलंबित कर दिया गया था. 25 जून को तत्कालीन तहसीलदार डीआर उइके और मिश्रा के खिलाफ भारतमाला परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग 130ए (बिलासपुर-उरगा) मुख्य सड़क के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण और मुआवजे की गणना में कथित रूप से अनियमितता करने के आरोप में यहां तोरवा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी.
राजस्व रिकॉर्ड में जालसाजी और भूमि का अवैध हस्तांतरण: अधिकारी ने बताया कि बिलासपुर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) और जिला स्तरीय समिति द्वारा जांच के बाद मौजूदा तहसीलदार की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी. उन्होंने कहा, “जांच से पता चला है कि राजस्व रिकॉर्ड में जालसाजी और भूमि के अवैध हस्तांतरण/विभाजन के कारण अतिरिक्त मुआवजा राशि की गणना की गई थी, जिससे सरकारी खजाने को वित्तीय नुकसान हुआ होगा. चूंकि मुआवजे का मामला मध्यस्थ के समक्ष लंबित है, इसलिए मुआवजा वितरित नहीं किया गया है.