केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में स्वच्छ भारत मिशन की अहम भूमिका है. उन्होंने कहा कि इस साल नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि शिशु मृत्यु दर को कम करने में स्वच्छ भारत मिशन ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को लोकसभा में यह बात कही.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सालाना 60 हजार से 70 हजारा नवजात शिशुओं की जान बचाकर देश भर में नवजात और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर को कम करने में स्वच्छ भारत मिशन का अहम रोल है. नड्डा ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारत के महापंजीयक की नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश में शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 2014 में प्रति 1 हाजर जन्म पर 39 से घटकर 2020 में यह 24 हो गई.
‘केंद्र APIP के आधार पर सभी राज्यों को समर्थन देता है’
जेपी नड्डा ने कहा कि तेलंगाना में शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 2014 में प्रति 1 हजार शिशुओं के जन्म पर 35 से घटकर साल 2020 में 21 हो गई. उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय देश में बाल जीवन दर में सुधार के लिए सालाना कार्यक्रम कार्यान्वयन योजना (एपीआईपी) के आधार पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत प्रजनन, मातृ, नवजात, बाल, किशोर स्वास्थ्य और पोषण रणनीति के कार्यान्वयन में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समर्थन देता है.
JSY के तहत घर-आधारित देखभाल भी शामिल है
मंत्री ने कहा कि इन हस्तक्षेपों में जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के तहत नकद प्रोत्साहन के माध्यम से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसएसके) के तहत पात्रता, बीमार और छोटे शिशुओं की देखभाल के लिए नवजात गहन देखभाल इकाइयों (एनआईसीयू), विशेष नवजात देखभाल इकाइयों (एसएनसीयू) और नवजात स्थिरीकरण इकाइयों (एनबीएसयू) की स्थापना और बाल पालन प्रथाओं को बेहतर बनाने के लिए आशा द्वारा प्रदान की जाने वाली छोटे बच्चों की घर-आधारित देखभाल शामिल है.
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