गोंडा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई को उत्तर प्रदेश के 19 रेलवे स्टेशनों का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे, जो “अमृत भारत स्टेशन योजना” के अंतर्गत भव्य रूप से पुनर्विकसित किए गए हैं. इन स्टेशनों को न सिर्फ यात्री सुविधाओं से लैस किया गया है, बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक पहचान को भी नए आयाम दिए गए हैं.
करीब 190 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुए इन स्टेशनों को स्थानीय संस्कृति, आधुनिक डिजाइन और यात्रियों की सुविधा का अद्वितीय संगम कहा जा सकता है. स्टेशन परिसरों में भव्य प्रवेश द्वार, आकर्षक फसाड, हाई मास्ट लाइटिंग, अत्याधुनिक प्रतीक्षालय, दिव्यांगजनों के लिए रैंप, मॉडर्न टॉयलेट और डिजिटल सूचना प्रणाली जैसी सुविधाएं शामिल हैं.
सांस्कृतिक रंग में रंगे स्टेशन
हर स्टेशन पर क्षेत्रीय कला और परंपरा की झलक देखने को मिलेगी। सिद्धार्थनगर स्टेशन पर बौद्ध संस्कृति की छाप है, जहां बुद्ध प्रतिमा और डिजाइन लुम्बिनी से जुड़ी विरासत को दर्शाते हैं। वहीं, गोला गोकरननाथ, जिसे छोटी काशी भी कहा जाता है, को धार्मिक महत्ता और स्थानीय स्थापत्य कला के अनुरूप सजाया गया है.
तेजी से हुआ विकास, रिकॉर्ड समय में काम
महज दो साल से भी कम समय में 103 स्टेशन देशभर में पुनर्विकसित किए गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद कहा है, “मैं जिन परियोजनाओं का शिलान्यास करता हूं, उनका उद्घाटन भी करता हूं।” यह इस योजना की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता को दर्शाता है.
यूपी के ये स्टेशन शामिल: बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, स्वामी नारायण छपिया, मैलानी, गोला गोकरननाथ, रामघाट हाल्ट, इज्जतनगर, बरेली सिटी, उझानी, हाथरस सिटी, सुरेमनपुर, बिजनौर, सहारनपुर, फतेहाबाद, गोवर्धन, इदगाह आगरा जंक्शन, पोखरायां, गोविंदपुरी और करछना.
यह योजना सिर्फ रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की नहीं, बल्कि “नए भारत के नए द्वार” खोलने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है. यात्रियों को सुविधा के साथ गौरव की अनुभूति भी होगी.