SY Qureshi On US Funding Reports: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने रविवार (16 फरवरी, 2025) को उस रिपोर्ट को खारिज किया, जिसमें ये कहा गया था कि जब वह चुनाव निकाय के प्रमुख थे तब भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिकी एजेंसी के धन का इस्तेमाल किया गया था.
एसवाई कुरैशी की ये प्रतिक्रिया उस समय आई, जब अमेरिकी अरबपति एलन मस्क के अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) की ओर से व्यय में कटौती के ऐलान के बाद आई है, जिसमें भारत में वोटिंग प्रतिशत के लिए 21 मिलियन डॉलर आवंटित करना भी दिखाया गया है.
DOGE ने एक्स पोस्ट में किया खुलासा
DOGE ने शनिवार (15 फरवरी, 2025) को एक्स पोस्ट में टैक्सपेयर्स के करोड़ों डॉलर की लागत वाले कई प्रोग्राम को रद्द करने का ऐलान किया था. DOGE ने कहा, “अमेरिकी टैक्सपेयर्स के डॉलर कई मदों पर खर्च किए जाने थे, उस सभी को रद्द कर किया गया है, जिसमें से एक चुनाव और राजनीतिक प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए 486 मिलियन डॉलर भी थी. इसमें भारत में वोटिंग प्रतिशत के लिए करीब 2 करोड़ डॉलर दिए जाने की बात कही गई है.
‘इसमे जरा भी सच्चाई नहीं है’
इस पूरे मामले पर एसवाई कुरैशी ने कहा है कि कि जब वह मुख्य चुनाव आयुक्त थे तब 2012 में चुनाव आयोग और अमेरिकी एजेंसी के बीच वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने को लेकर कोई भी फंडिंग नहीं हुई थी. इसमें जरा भी सच्चाई नहीं है. वह बोले कि जब वह 2012 में सीईसी थे तब इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टरल सिस्टम के साथ एक करार हुआ था. इस समझौते का मतलब था कि दूसरे देशों की चुनावी एजेंसियों और मैनेजमेंट को ट्रेनिंग देना. इस समझौते में किसी फंडिंग का कोई जिक्र नहीं किया गया था, इसमें क्या राशि है इसे तो भूल ही जाइए.
DOGE के पोस्ट पर भाजपा ने बाहरी हस्तक्षेप की बात कही
वही DOGE पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इसे भारत के चुनाव में बाहरी हस्तक्षेप की बात की थी. उन्होंने सवाल किया कि इसका लाभार्थी कौन था? निश्चित रूप से इसमें सत्ताधारी पार्टी तो नहीं थी. वोटरों के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर? निश्चित रूप से यह भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है. इसे किसको लाभ होगा जाहिर सी बात है कि सत्ताधारी पार्टी को तो नहीं होगा.
यूपीए सरकार पर साधा निशाना
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर कहा कि यह रद्द किया गया कार्यक्रम पिछले कांग्रेस सरकार के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की ओर इशारा करता है, जो भारतीय संस्थानों में विदेशी घुसपैठ को सक्षम बना रही थी. अमित मालवीय के इसी आप पर अब आसिफ कुरैशी ने प्रतिक्रिया दी है और इन सभी को झूठा आरोप बताया है.