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मुंबई आतंकी हमला: तिहाड़ जेल में तहव्वुर राणा को मिलेगा बेड, कोर्ट से मांगी परिजनों से बातचीत की इजाजत

26/11 मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को लेकर दिल्ली की पाटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक बार फिर महत्वपूर्ण बहस देखने को मिली. तिहाड़ जेल में बंद राणा ने अदालत से अनुरोध किया है कि उसे नियमित अंतराल पर अपने परिजनों से टेलीफोन पर बातचीत की अनुमति दी जाए. इसके साथ ही उसने जेल में एक बेड उपलब्ध कराने की भी मांग की है.

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पाटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि तहव्वुर हुसैन राणा को तिहाड़ जेल में उचित बेड मुहैया कराया जाए. जेल प्रशासन ने इस संबंध में अपना जवाब दाखिल कर दिया है, जबकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से समय की मांग की है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 25 जुलाई को निर्धारित की गई है.

कोर्ट ने इससे पहले तहव्वुर राणा को अपने परिवार से टेलीफोन पर बातचीत करने की एक बार की अनुमति दी थी. अब वह इस सुविधा को नियमित रूप से चाहता है. इसके लिए उसने बाकायदा एक याचिका दायर की है. इसस पहले पाटियाला हाउस कोर्ट ने 9 जुलाई को तहव्वुर राणा की न्यायिक हिरासत को बढ़ाकर 13 अगस्त तक कर दिया था.

विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने यह आदेश तब पारित किया, जब राणा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में प्रस्तुत किया गया. एनआईए ने इस मामले में तहव्वुर राणा के विरुद्ध एक पूरक आरोपपत्र भी दाखिल किया है. इस पर कोर्ट 13 अगस्त को विचार कर सकती है.

तहव्वुर राणा 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी रहा है. अमेरिकी नागरिक होने के कारण राणा को भारत लाने के लिए लंबी प्रत्यर्पण प्रक्रिया का पालन किया गया. 4 अप्रैल 2024 को अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने उसकी प्रत्यर्पण के विरुद्ध दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद उसे भारत लाया गया.

बताते चलें कि 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से समुद्री मार्ग के जरिए भारत में घुसे 10 आतंकवादियों ने मुंबई के कई स्थानों पर आतंकी हमला किया था. इसमें छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट और नरीमन हाउस जैसे हाई-प्रोफाइल ठिकानों पर हमले हुए थे. इस दौरान 166 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी. पूरे देश को दहला देने वाली यह त्रासदी लगभग 60 घंटे तक चली थी.

अब जब तहव्वुर राणा भारत की न्यायिक हिरासत में है, तो उसकी छोटी-छोटी मांगें भी जांच एजेंसियों, न्यायालय और राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र की गहन निगरानी में हैं. 25 जुलाई और 13 अगस्त को होने वाली आगामी सुनवाइयों पर सभी की निगाहें टिकी हैं, जहां इस बहुचर्चित मामले में कई अहम निर्णय लिए जा सकते हैं.

 

 

 

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