‘तलाक ले लो या फिर शादी न करो’… सोनम की ‘बेवफाई’ पर महिला आयोग की सदस्य ने कहा

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता श्रीवास्तव दो दिवसीय दौरे पर पहुंची. उन्होंने महिलाओं से संबंधित मामलों को लेकर जनसुनवाई की और उसके बाद मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने मुस्कान और सोनम रघुवंशी जैसे मामले पर बात की. इस दौरान उनसे कहा गया कि पुरुष प्रताड़ित होने के मामले सामने आ रहे हैं. क्या ऐसे में सरकार को पुरुष आयोग बनाना चाहिए. इस पर उन्होंने कहा कि यह मामला पूरी तरह से निंदनीय है, क्योंकि उन्होंने ऐसे कार्य किए हैं. उसके लिए आयोग बनाने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि आप लोग देख रहे हैं कि कड़ी कार्रवाई की जा रही है. ताजा मामला सोनम रघुवंशी के मामले में गाजीपुर हो, मेघालय हो या फिर मध्य प्रदेश हो, कई स्टेट का मामला होने के बावजूद कड़ी कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में चाहे पुरुष शामिल हो या महिला, सबके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है.

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उन्होंने कहा कि महिलाओं का सैकड़ों पुरुषों के द्वारा हत्याएं की जा चुकी हैं. जिसमें जलाना, जान से मारना, गला घोटना आदि शामिल है. सेम कंडीशन यहां भी आया है लेकिन मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं. यदि महिलाओं को पुरुषों के साथ नहीं रहना है तो बहुत सारे कानून बने हुए हैं. वह तलाक ले ले या फिर शादी ही ना करें, लेकिन इस तरह के घृणित कार्य न करें. कानून सबके लिए बराबर है, चाहे वह महिला हो या फिर पुरुष हो. ऐसे में अब महिला आयोग ने कहा कि इस तरह के मामले सामने आने पर महिलाओं को जागरुक भी किया जाएगा. यदि उन्हें अपने पति या पुरुषों के साथ नहीं रहना है तो शादी ही ना करें. क्योंकि यह एक मां के कोख के साथ बहुत ही गलत हुआ है.

दो दिवसीय दौरे पर पहुंची थीं सुनीता श्रीवास्तव

राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता श्रीवास्तव गाजीपुर जिले में दो दिवसीय दौरे पर पहुंची थीं. उन्होंने पहले दिन महिला उत्पीड़न की शिकार महिलाओं की समस्याओं को सुना. साथ ही देर रात पिंक बूथों का भी निरीक्षण किया और सब कुछ ऑल इज़ वेल बताया जबकि हकीकत कुछ अलग ही है. स्थानीय लोगों ने बताया की पिंक बूथ महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बनाया गया है लेकिन इन बूथों पर अधिकतर महिला सुरक्षाकर्मी नदारद रहती हैं.

जनसुनवाई के दौरान 20 मामलों का किया निपटारा

उन्होंने बताया कि राज्य महिला आयोग द्वारा प्रत्येक महीने में दो से तीन बार जनसुनवाई का कार्यक्रम लगता है. इसी के तहत एक दिन पहले करीब 45 मामले उनके सामने महिला उत्पीड़न से संबंधित आए थे. जिसमें से 20 मामलों को जिला स्तरीय अधिकारियों की मदद से मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया. शेष बचे हुए मामले को संबंधित विभाग और थाने को हैंडओवर कर दिया गया था.

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