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तमिल एक्टर विजय की राजनिति में एंट्री, पहली रैली में बताया अपना सियासी प्लान

तमिल सिनेमा के मशहूर एक्टर विजय ने राजनीति में अपने पहले कदम के साथ विलुपुरम जिले में एक शानदार राजनीतिक रैली की. इस कार्यक्रम में विजय ने अपनी पार्टी, तमिलगा वेट्ट्री कजगम (TVK) की विचारधारा और लक्ष्यों को साझा किया और लाखों समर्थकों के बीच अपने संकल्प के बारे में विस्तार से बताया.

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विजय ने रैली में जोर देकर कहा कि तमिल को अदालतों और मंदिरों की भाषा के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए. यह केवल भाषा का प्रश्न नहीं है, बल्कि तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने का अभियान है. उन्होंने पार्टी के ध्वज को फहराते हुए समर्थकों को उत्साह के साथ संबोधित किया.

अपनी विचारधारा को लोगों तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य- विजय

विजय ने अपने संबोधन में कहा, “यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी विचारधारा को लोगों तक पहुंचाएं और उनके सामने उन नेताओं को रखें जिन्होंने इस भूमि के लोगों के लिए अथक परिश्रम किया है.” उन्होंने पार्टी की विचारधारा को पेरियार और डॉ बीआर अम्बेडकर के सिद्धांतों से जोड़ते हुए, सामाजिक समानता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया.

विजय की पार्टी महिलाओं के प्रति विशेष सम्मान रखती है और तमिलनाडु की इतिहास की पहली महिला योद्धा वेलू नाचियार और सामाजिक कार्यकर्ता अझलाई अम्माल को विचारधारा के रूप में अग्रणी मानती है. विजय ने कहा कि उनकी पार्टी तमिलनाडु की महिलाओं के नेतृत्व को समर्थन देने वाली पहली पार्टी है.

टीवीके का घोषणापत्र:

  • राज्यपाल का पद हटाना
  • अदालतों में प्रशासनिक भाषा के रूप में तमिल को बढ़ावा देना
  • महिलाओं के लिए समान अवसर प्राप्त करना
  • जाति आधारित जनगणना करना
  • राज्य सूची के तहत शिक्षा को बहाल करना
  • धर्म, जाति, रंग आदि के आधार पर भेदभाव को दूर करना
  • भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन
  • केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करना
  • तमिलनाडु के लिए 2 भाषा नीति
  • तमिलनाडु को नशा मुक्त बनाना
  • विधायकों के लिए आचार संहिता
  • धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय, समानता और लोकतंत्र

राजनीति में क्यों आए विजय?

प्रमुख राजनीतिक मुद्दों पर टीवीके के रुख पर चर्चा करते हुए विजय ने कहा कि उनकी पार्टी की विचारधार द्रविड़वाद और तमिल राष्ट्रवाद दोनों से प्रेरित है, उन्होंने उन्हें “हमारी धरती की दो आंखें” बताया. टीवीके की पहचान को एक गुट तक सीमित रखने के बजाय, उन्होंने न्याय, एकता और सामाजिक विकास पर धर्मनिरपेक्षता की वकालत की.

विजय ने अपने फिल्मी करियर को छोड़कर राजनीति में आने के पीछे की वजहें बताईं और इसे जनता के प्रति अपना फैसला बताया. उन्होंने पूछा, “एक सीमा के बाद हम पैसे कमाने के लिए क्या करेंगे? मैं उन लोगों के लिए क्या करूंगा जिन्होंने मेरी जिंदगी बनाई?”

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