पानीपुरी, भारत का सबसे लोकप्रिय स्ट्रीट फूड है. शायद ही ऐसा कोई हो जिसने मसालेदार पानी और चटपटी पूरी का स्वाज न चखा हो. आजकल एक पानीपुरी वाले भैया अपने स्वादिष्ट व्यंजनों के बजाय किसी और ही कारण से सुर्खियों में हैं. इसका कारण है जीएसटी का नोटिस.
भारत में डिजिटल भुगतान के बढ़ते चलन ने छोटे व्यवसायों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल कर दिया है. यही वजह है कि तमिलनाडु के एक पानीपुरी विक्रेता को जीएसटी का नोटिस मिला है. इस मामले ने सोशल मीडिया पर एक नई बहस छेड़ दी है.
Pani puri wala makes 40L per year and gets an income tax notice 🤑🤑 pic.twitter.com/yotdWohZG6
— Jagdish Chaturvedi (@DrJagdishChatur) January 2, 2025
तमिलनाडु का है मामला
दरअसल, तमिलनाडु के एक पानीपुरी विक्रेता ने ऑनलाइन भुगतानों के माध्यम से 40 लाख रुपये कमाया था. डिजिटल लेन-देन के जरिए 40 लाख रुपये की आय होने के कारण ही उन्हें जीएसटी नोटिस मिला. यह नोटिस 17 दिसंबर, 2024 को जारी किया गया और इसमें पिछले तीन वर्षों के लेन-देन की जानकारी मांगी गई.
कैसे पड़ी इतनी बड़ी राशि पर नजर?
पिछले कुछ वर्षों में यूपीआई और डिजिटल भुगतान प्लेटफार्मों, जैसे फोनपे और रेजरपे, की लोकप्रियता बढ़ी है. पारंपरिक रूप से नकद भुगतान पर निर्भर छोटे विक्रेता अब डिजिटल माध्यमों को अपना रहे हैं. इस विक्रेता ने भी अपने पानीपुरी की बिक्री के लिए डिजिटल भुगतान को अपनाया और उसकी आय 2023-24 में 40 लाख रुपये तक पहुंच गई, जिससे वह कर विभाग की नजरों में आ गया.
सोशल मीडिया पर आ रहे मजेदार कमेंट्स
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर @DrJagdishChatur नाम के हैंडल ने जीएसटी नोटिस की कॉपी शेयर की है. इसका कैप्शन दिया है – पानी पूरी वाले ने साल में 40 लाख कमाया और इन्हें इनकम टैक्स का नोटिस मिल गया. इस खबर के सामने आते ही सोशल मीडिया पर मजेदार प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं. कुछ लोगों ने मजाक में कहा कि वे अपनी कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर पानीपुरी का व्यवसाय शुरू करेंगे. अन्य ने इस घटना को छोटे व्यवसायों पर डिजिटल भुगतान के प्रभाव का संकेत बताया.