तमिलनाडु पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है. शिवगंगा में हिरासत में मौत के बाद अब कल्लकुरिची से थाने के अंदर क्रूरता की एक और तस्वीर सामने आई है. इसने पूरे राज्य को झकझोर दिया है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने पुलिसिया हिंसा के उस सच को उजागर किया है, जो ज्यादातर दीवारों के अंदर ही दफन रह जाता है. इस मामले में कार्रवाई की जा रही है.
6 जून की इस घटना का खुलासा तब हुआ जब एक वीडियो इंटरनेट पर सामने आया. इसमें एक युवक को पुलिसकर्मी बेरहमी से पीटते नजर आ रहे हैं. वीडियो के मुताबिक यह सबकुछ पुलिस स्टेशन के अंदर हुआ. वायरल होते ही वीडियो ने प्रशासन को हरकत में ला दिया. दबाव में आकर आरोपी कांस्टेबल मणिकंदन को सशस्त्र रिजर्व में भेज दिया गया है और उस पर केस दर्ज कर लिया गया है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
इस घटना की जड़ें एक पारिवारिक के समस्या से संबंधित हैं. कल्लकुरिची का जयपाल कुछ समय पहले दुबई गया था. वहां एक व्यक्ति विजय ने उसे नौकरी दिलाई थी. लेकिन कुछ महीनों बाद जयपाल घर लौटा तो उसकी हालत चिंताजनक थी. उसकी पत्नी मलार को शक हुआ कि विदेश में उसके साथ कुछ गंभीर हुआ है. जब उसने विजय से सवाल किया, तो जवाब की बजाय धमकियां मिलने लगीं.
मलार ने जब कचरापालयम थाने में शिकायत दर्ज करवानी चाही तो पुलिस ने मामले को दर्ज करने से इनकार कर दिया. थक-हार कर मलार का भतीजा विक्की थाने पहुंचा और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए. यहीं से हालात बिगड़ गए. प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों विक्की के सवालों से इतने परेशान हो गए कि उसके साथ बेरहमी से मारपीट शुरू कर दी.
इस पूरी घटना को थाने में मौजूद कैमरों ने रिकॉर्ड कर लिया. इसके अलावा किसी व्यक्ति ने मोबाइल से भी फुटेज कैद की और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी युवक को घसीटते हैं, मारते हैं और उसे इंसाफ मांगने की सजा दी जाती है. इस घटना के बाद जयपाल की तबीयत अचानक और बिगड़ गई. उन्हें कल्लकुरिची मेडिकल कॉलेज ले जाया गया.
वहां तीन दिन तक वेंटिलेटर पर रखने के बावजूद उनकी मौत हो गई. मौत की खबर ने पूरे इलाके में आक्रोश फैला दिया. लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन शुरू कर दिया और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग करने लगे. इसके बाद पुलिस महकमा तुरंत हरकत में आया. एसपी को जांच का जिम्मा सौंपा गया और आरोपी कांस्टेबल पर केस दर्ज किया गया. लेकिन स्थानीय लोगों ने इसे नाकाफी बताया.
लोगों का कहना है कि जब तक बर्खास्तगी, गिरफ्तारी और न्यायिक जांच की मांग नहीं मानी जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. यह मामला ऐसे वक्त पर सामने आया है जब शिवगंगा जिले में हिरासत में मौत की घटना को लेकर तमिलनाडु पुलिस पहले से ही घिरी हुई है. अब कल्लकुरिची की यह क्रूरता राज्य में पुलिस सुधार और जवाबदेही की बहस को फिर से जिंदा कर रही है.