राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले पर तीखा हमला बोला. उन्होंने संविधान की प्रस्तावना से “धर्मनिरपेक्ष” और “समाजवादी” जैसे शब्दों को हटाने के होसबोले के सुझाव की कड़ी निंदा की.
लालू यादव ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) के माध्यम से प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा, ‘देश का सबसे जातिवादी और नफरत फैलाने वाला संगठन RSS अब संविधान बदलने की बात कर रहा है.’ उन्होंने इसे न सिर्फ संविधान बल्कि सामाजिक न्याय और लोकतंत्र पर सीधा हमला करार दिया.
RSS के वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसबोले ने एक कार्यक्रम में कहा कि “संविधान की प्रस्तावना में ‘सेक्युलर’ और ‘सोशलिस्ट’ शब्द बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए मूल संविधान में नहीं थे. इन्हें इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी सरकार ने जोड़ा था.” उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए इन शब्दों को हटाने का सुझाव दिया और पार्टी से आपातकाल के लिए माफी की मांग की.
लालू यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि “इन लोगों में संविधान और उसमें दिए गए आरक्षण प्रावधानों पर अंगुली उठाने की हिम्मत नहीं है. ये लोग लोकतंत्र और बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान से नफरत करते हैं.”
राजद प्रमुख ने यह भी कहा कि RSS और उसके राजनीतिक संगठन बीजेपी संविधान की मूल आत्मा को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे हर भारतीय को समझना और इसके खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है. उन्होंने इस तरह के बयानों को अत्यंत खतरनाक बताते हुए जनता से सतर्क रहने की अपील की.