तापी: सिविल अस्पताल के निजीकरण के विरोध में आदिवासी समाज ने किया प्रदर्शन, निकली रैली, सरकार को दी चेतावनी

जिले में सिविल अस्पताल के निजीकरण के खिलाफ विरोध के सुर एक बार फिर तेज हो गए हैं, शनिवार को आदिवासी समाज के आगेवानो ने एकजुट होकर निजीकरण के सरकार के फैसले के खिलाफ नारेबाजी की.

साल 2023 में सरकार ने तापी जिले के सिविल अस्पताल का निजीकरण करने का विचार रखा. निजीकरण होने से यहां के गरीब आदिवासियों को मिलने वाला मुफ्त इलाज महंगा हो जाएगा. डॉक्टरों और नर्सों समेत स्टाफ को भी शोषण का सामना करना पड़ेगा. इन्हीं आशंकाओं के चलते स्थानीय
आदिवासियों ने बड़े पैमाने पर रैली निकालकर इसका विरोध किया. ये विरोध काफी समय तक चला था. जिसके बाद सरकार के जन प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया था कि मामले पर पुनर्विचार किया जायेगा और इसके बाद निजीकरण का फैसला टाल भी दिया गया था.

लेकिन शनिवार को इतने महीने बीत जाने के बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिए जाने पर आदिवासी नेताओं ने फिर से एकजुट होकर इस मामले में विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि अगर सरकार एक सप्ताह के अंदर सिविल अस्पताल के निजीकरण के फैसले को वापस नहीं लेती है और लिखित बयान नहीं देंगे तो कठोर कार्रवाई आदिवासी समाज द्वारा की जाएगी. ऐसी चेतावनी यहां के आदिवासी समुदाय के नेताओं ने मिडिया के माध्यम से सरकार को दी.

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