भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम में भारत की आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) साइन किया है. यह डील स्वदेशी सॉल्यूशन डेवलप करने के सरकार के नजरिए के अनुरूप है और दोनों कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
MoU पर अधिकारिक तौर से 5 जून गुरुवार को मुंबई स्थित टाटा ग्रुप के मुख्यालय में BEL के चैयरमैन मनोज जैन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के CEO डॉ रणधीर ठाकुर ने साइन किया है. सरकारी कंपनी बीईएल और टाटा समूह के ग्रीनफील्ड कारोबार टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के बीच सहयोग, सेमीकंडक्टर निर्माण, आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (OSAT) और डिजाइन सेवाओं में अवसरों की खोज पर फोकस होगा.
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ऐसे समाधान पेश करने के लिए तैयार है जो BEL की वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करेंगे, जिसमें माइक्रोकंट्रोलर (MCU), सिस्टम-ऑन-चिप (SOC) और मोनोलिथिक माइक्रोवेव इंटीग्रेटेड सर्किट (MMIC) जैसी आवश्यक चीजें शामिल हैं. दोनों संस्थाओं का लक्ष्य इष्टतम विनिर्माण समाधानों के लिए अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठाना है.
भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्ट को मिलेगी मजबूती
यह नई डील भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर क्षमताओं में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है. स्वदेशी टेक्नोलॉजीज के विकास पर फोकस करके, BEL और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स घरेलू बाजार में क्रांति लाने के लिए तैयार हैं. यह डील इंडस्ट्री में नई और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का संकेत देती है. जिससे आर्थिक डेवलपमेंट और तकनीकी डेवलपमेंट का मार्ग प्रशस्त होगा.
इसका ऐलान शुक्रवार को बाजार खुलने के बाद की गई. दिन में बीईएल के शेयर 0.76 प्रतिशत की गिरावट के साथ 390.70 रुपये पर बंद हुए. तकनीकी रूप से, काउंटर 5-दिवसीय, 10-, 20-, 30-, 50-, 100-, 150-दिवसीय और 200-दिवसीय सरल मूविंग एवरेज (SMA) से अधिक पर कारोबार कर रहा था. इसका 14-दिवसीय सापेक्ष शक्ति सूचकांक (RSI) 76.14 पर आया, जिससे पता चलता है कि ये शेयर ओवरबॉट कैटेगरी में है.
इतनी है प्रमोटर्स की हिस्सेदारी
स्टॉक का मूल्य-से-आय (पी/ई) अनुपात 57.54 है, जबकि मूल्य-से-पुस्तक (पी/बी) मूल्य 16.42 है. प्रति शेयर आय (EPS) 6.79 रही, जबकि इक्विटी पर रिटर्न (ROE) 28.55 रहा. ट्रेंडलाइन डेटा के अनुसार, बीईएल का एक साल का बीटा 1.3 है, जो उच्च अस्थिरता को दर्शाता है. मार्च 2025 तक, सरकारी डिफेंस कंपनी में प्रमोटरों की हिस्सेदारी 51.14 प्रतिशत थी.