Vayam Bharat

दिल्ली-एनसीआर में 2 से ज्यादा कार रखने वालों से वसूला जाए टैक्स… सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा सुझाव

दिल्ली-एनसीआर में साल दर साल सर्दियों में खराब होती आबोहवा को लेकर सुप्रीम कोर्ट को एमाइकस क्यूरे ने सुझाव दिया कि पहली दो कार की खरीद के बाद हर एक कार के लिए अलग से टैक्स लगाया जाना चाहिए. इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम में गंभीरता से विचार करना होगा. एमाइकस क्यूरे एस गुरुकृष्ण कुमार ने यह सुझाव एमसी मेहता मामले में सुनवाई के दौरान तब दिया जब अदालत दिल्ली में पेड़ों की कटाई और हरियाली बढ़ाने के संबंध में सुनवाई कर रही थी. हालांकि इस सुझाव पर अदालत ने फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है.

Advertisement

पर्यावरण प्रदूषण मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में एमाइकस क्यूरे कुमार ने कहा कि वाहनों की तादाद लगातार बढ़ रही है. ऐसे में उनका सुझाव है कि यदि कोई दो से ज्यादा कार का मालिक है या दो से ज्यादा कार खरीदता करता है तो हर एक अतिरिक्त कार पर अलग से टैक्स लगाए जाने की व्यवस्था होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली में ऐसा सिस्टम यह रहा है कि आपके घर में कम से कम छह कारें हैं. हर एक व्यक्ति, हर एक बच्चा एक अलग कार का उपयोग करता है.

मोटर वाहन एक्ट पर करना होगा विचार

एमाइकस कुमार ने कहा कि दो कारों से ज्यादा हों तो मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन करने पर गंभीरता से विचार करना होगा. ऐसे में हरेक अतिरिक्त वाहन के लिए किसी प्रकार के हायर टैक्स का भुगतान कार मालिक से लिया जाना चाहिए.साथ ही उन्होंने कहा कि इसे सार्वजनिक परिवहन के साथ पूरक किया जाना चाहिए. इस तर्ज पर भी कुछ विचार करना होगा.

सभी वाहनों को ईवी बनना चाहिए

इस दौरान एमाकस क्यूरे अनीता शेनॉय ने कहा कि सभी सार्वजनिक वाहनों को ईवी बनना चाहिए. इस पर मजाकिया लहजे में जस्टिस अभय ओका ने कहा कि एक और मुद्दा है. दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में आज नवनिर्मित घरों की कीमतें इतनी अधिक हैं, केवल वही खरीद सकते हैं जिनके पास कई कारें हैं. गौरतलब है कि पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने आज आदेश में दर्ज किया कि 26 जून को अदालत ने दिल्ली सरकार के वन विभाग के सचिव को दिल्ली में हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए किए गए व्यापक उपायों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाने का निर्देश दिया था.

नहीं मिला संतोषजनक जवाब

इस अदालत ने जितनी उम्मीद की थी, कोई संतोषजनक उपाय नहीं किया गया है. इसलिए हम एक एजेंसी नियुक्त करने का प्रस्ताव करते हैं जो दिल्ली में हरित क्षेत्र को बढ़ाने की दिशा में कदम उठा सकती है।. हम एमाइकस से अनुरोध करते हैं कि वह इसके लिए एजेंसी का नाम प्रस्तावित करे. मामलें पर अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी.

Advertisements