सुल्तानपुर : जिले के कंपोजिट विद्यालय समरथपुर में शिक्षक ओम प्रकाश के साथ हुए अमानवीय व्यवहार पर मोस्ट कल्याण संस्थान ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.मोस्ट ने गुरुवार को डीएम को सम्बोधित एक पत्र सिटी मजिस्ट्रेट को दिया. जहां जिलाधिकारी से बेसिक शिक्षा में विधि का शासन कायम करने की मांग की है.
घटना 17 जुलाई की है जब स्कूल की एक छात्रा ने कांवड़ में शामिल होने के लिए छुट्टी मांगी थी.शिक्षक ओम प्रकाश ने उसे स्कूल से छुट्टी होने के बाद घर जाने की सलाह दी थी. इसके पांच दिन बाद 22 जुलाई को गांव के सैकड़ों लोग स्कूल परिसर में घुस आए. उन्होंने छात्रा द्वारा लगाए गए धार्मिक टिप्पणी के आरोप के बहाने शिक्षक को गालियां दीं, माफी मंगवाई और फर्श पर नाक रगड़वाई.
मोस्ट के अनुसार, बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने शिक्षक को सुनवाई का अवसर दिए बिना निलंबित कर दिया, जो प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन है.मोस्ट ने शिक्षक ओम प्रकाश को तत्काल बहाल करने, उनकी तैनाती किसी अन्य ब्लॉक में करने और स्कूल परिसर में घुसकर अमानवीय व्यवहार करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है.
संगठन ने बीएसए को प्राकृतिक न्याय और दोहरे दंड से दंडित न किए जाने की विधि से अवगत कराने की भी मांग की है.मोस्ट का कहना है कि इस घटना से प्राथमिक शिक्षकों में भय और असुरक्षा की भावना पैदा हुई है, जिससे उनकी कार्य क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है.मोस्ट के जनरल सेक्रेटरी राम उजागिर यादव ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे.
इस अवसर पर मोस्ट प्रमुख जीशान अहमद, जिला संयोजक राकेश निषाद, मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र कुमार निषाद, मोस्ट रक्षक दल प्रेम राइडर, बृजेश निषाद, विमल निषाद सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे.