पत्नी के रहते दूसरी महिला के साथ रह रहा शिक्षक, महिला आयोग ने कहा- तुरंत करें सस्पेंड..

राज्य महिला आयोग की 18वीं जनसुनवाई सोमवार को जलसंसाधन विभाग के प्रार्थना भवन में हुई। अध्यक्ष किरणमयी नायक समेत अन्य सदस्यों ने 31 मामलों की सुनवाई की। कुछ मामलों में समझौता कराया गया, तो कुछ को रायपुर में सुनवाई के लिए रखा गया। एक मामले में पत्नी के रहते दूसरी महिला के साथ रहने वाले शिक्षक को सस्पेंड करने की अनुशंसा डीईओ से की गई है। महिला आयोग की जनसुनवाई में इस बार घरेलू हिंसा, वैवाहिक धोखाधड़ी और महिला उत्पीड़न से जुड़े कई जटिल मामले सामने आए।

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आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बताया कि कुछ मामलों में दोनों पक्षों को समझाइश देकर सुलह कराई गई, वहीं गंभीर मामलों में कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। ये मामले रहे जिनकी हुई सुनवाई –

पामगढ़ निवासी युवक ने खुद को छत्तीसगढ़ पुलिस का आरक्षक बताकर शादी रचा ली। शादी कार्ड में भी आरक्षक लिखा। पत्नी को भ्रम में रखने युवक कभी खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ बताता, तो कभी छुट्टी में होने की बात कहता। सच्चाई सामने आने पर पत्नी मायके चली गई। सुनवाई में दोनों को समझाइश दी गई और वे साथ रहने को राजी हुए।

शिक्षक के दूसरी महिला संग रहने की शिकायत

उसलापुर निवासी शिक्षक ने पहली पत्नी के रहते हुए एक अन्य शादीशुदा महिला के साथ रहना शुरू कर दिया था। शिकायत मिलने पर महिला आयोग ने सुनवाई की और जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर शिक्षक को निलंबित करने की अनुशंसा की।

मकान तोड़ने की शिकायत में निर्देश

एक महिला ने पटवारी द्वारा अवैध कब्जे की जमीन पर बने मकान को तोड़ने की शिकायत की। आयोग ने उसे एसडीएम और कलेक्टर कार्यालय में अपील करने की सलाह देकर शिकायत का निराकरण किया।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने पत्रकारों से भी चर्चा की। महिलाओं के द्वारा लगातार आपराधिक प्रकरण में महिलाओं की संलिप्तता बढ़ती जा रही है, इस सवाल पर भी उन्होंने अपनी बात रखी। इंदौर के राजा रघुवंशी हत्या कांड से लेकर नीले ड्रम में मिली पति की लाश के मामले में महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि कुछ महिलाएं जरूरत से ज्यादा जागरूक हो चुकी हैं, वे अब अपराध करने से भी पीछे नहीं हैं। लेकिन दूसरा सच यह भी है कि महिलाएं सबसे ज्यादा आपराधिक घटनाओं का शिकार होती हैं।

महिलाएं कुछ ज्यादा ही जागरूक हो चुकी हैं

महिला आयोग की सुनवाई के दौरान 31 प्रकरण आए हैं। इनमें से कुछ की सुनवाई हो चुकी है और अन्य प्रकरण की सुनवाई हो रही है। महिलाओं को न्याय मिले इसके लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। आयोग की बातों को भी सरकार गंभीरता से लेती है। -किरणमयी नायक महिला आयोग अध्यक्ष।

 

 

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