युक्तियुक्तकरण (रैशनलाइजेशन) के तहत ट्रांसफर किए गए जिन शिक्षकों ने अभी तक अपने नए अलॉटेड स्कूलों में ज्वॉइनिंग नहीं ली है, उनका वेतन अब रोक दिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है।
ये पदस्थापना प्रदेश में शिक्षक विहीन, एकल शिक्षक और छात्र-शिक्षक अनुपात के अनुसार आवश्यकता के आधार पर किए गए थे। इसका मुख्य उद्देश्य उन स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना था जहां शिक्षकों की कमी थी। इस प्रक्रिया से बड़ी संख्या में अतिशेष शिक्षक प्रभावित हुए जिला, संभाग, राज्य स्तर पर शिक्षकों और व्याख्याताओं के पदस्थापना आदेश जारी किए गए थे।
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
निर्देशों की अनदेखी के बाद विभाग ने लिया फैसला
शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों को अलॉटेड स्कूलों में तत्काल ज्वॉइनिंग लेने के निर्देश दिए थे। हालांकि, इन स्पष्ट निर्देशों के बावजूद कई शिक्षकों ने अभी तक अपने नए स्कूलों में पोस्टिंग नहीं ली है। इसे गंभीरता से लेते हुए लोक शिक्षण संचालक ने एक आदेश जारी कर इन शिक्षकों का आगामी आदेश तक वेतन रोकने का आदेश दिया है।
आदेश की प्रति सभी संभागीय संयुक्त संचालकों और जिला शिक्षा अधिकारियों को भेज दिए गए हैं। हालांकि, यह आदेश उन शिक्षकों पर लागू नहीं होगा। जिन्होंने हाईकोर्ट से अंतरिम राहत प्राप्त की हुई है।
युक्तियुक्तकरण के दौरान सामने आई थीं गड़बड़ियां
युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के दौरान कई जिलों और विकासखंडों में अतिशेष शिक्षकों और रिक्त पदों की जानकारी देने में गड़बड़ियां सामने आई थीं। इसके बाद दर्जन भर से अधिक विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को निलंबित भी किया गया था। शिक्षकों का आरोप है कि पोस्टिंग के दौरान अधिकारियों ने जूनियर शिक्षकों को लाभ पहुंचाने के लिए उनके साथ मिलीभगत की है।
इस मिलीभगत के तहत सीनियर और रिटायरमेंट के करीब शिक्षकों को दूर के स्कूलों में भेज दिया। इस मामले पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे शिक्षकों में नाराजगी है। कई शिक्षकों ने इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर से भी शिकायत की है।
1200 स्कूल अब भी एकल शिक्षक वाले
युक्तियुक्तकरण के बाद कई स्कूलों में शिक्षकों की पूर्ति तो हुई है, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश में अभी भी 1200 स्कूल ऐसे हैं जहां केवल एक ही शिक्षक है। यह स्थिति शिक्षा व्यवस्था के लिए एक चुनौती बनी हुई है।
एकल शिक्षकीय स्कूलों की संख्या में 80 प्रतिशत की कमी
छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से एकल शिक्षकीय स्कूलों की संख्या में 80 प्रतिशत की कमी आई है। इस प्रक्रिया से पहले प्रदेश में 453 स्कूल शिक्षक विहीन और 5936 स्कूलों में मात्र एक ही शिक्षक पदस्थ था। सुकमा, नारायणपुर और बीजापुर जैसे दूरस्थ और संवेदनशील जिलों में यह समस्या अधिक थी।
इस विसंगति को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने जिला, संभाग और राज्य स्तर पर 3 चरणों में शिक्षकों की काउंसलिंग की प्रक्रिया चलाई। जिसके बाद प्रदेश का कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है और सभी हाई स्कूलों में न्यूनतम आवश्यक शिक्षक नियुक्त किए जा चुके हैं।