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नसरल्लाह की मौत पर भारत में बह रहे आंसू, शिया मुस्लिम संगठन ने घोषित किया 3 दिन का शोक

कश्मीर से लेकर लखनऊ और नई दिल्ली तक भारतीय शिया मुसलमान संगठनों ने लेबनान पर इजरायली हमलों की निंदा की है और हिज्बुल्लाह के पूर्व चीफ सैयद हसन नसरल्लाह की मौत के विरोध में कैंडल मार्च भी निकाला है.

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नसरल्लाह की मौत पर दुख जताते हुए शिया मुस्लिम धर्मगुरुओं ने तीन दिनों के शोक का ऐलान करते हुए शिया मुस्लिमों से अपनी दुकानें बंद करने का आह्वान किया है, जिसके बाद इलाके के सभी दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद कर दीं और धार्मिक इमारतों पर काले झंडे लगा दिए हैं.

बेरूत में हाल ही में हुए इजरायली हमले में मारे गए नसरल्लाह और हिजबुल्लाह के अन्य सदस्यों के लिए इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में शोक सभा आयोजित की गई है. इस सभा में भारत में लेबनान और ईरान के राजदूतों को भी आमंत्रित किया गया है. भारत के सबसे बड़े शिया मुस्लिम संगठन अंजुमन-ए-हैदरी के महासचिव सैयद बहादुर अब्बास नकवी ने कहा कि भारत के शिया मुसलमान लेबनान और सैयद हसन नसरल्लाह पर इजरायल के हमले की निंदा करते हैं.

शिया समुदाय के धर्म गुरु मौलाना फरीद ने बताया कि जो भी हुसैनी है वे पूरी दुनिया में कहीं भी हो आतंकवादी नहीं होगा. आतंकवाद से उनका कोई ताल्लुक नहीं होगा और आप देख सकते हैं कि पूरी दुनिया में जहां इमाम हुसैन के जो मानने वाले हैं कभी ना कही ब्लास्ट किया है न किसी को मारा है, बल्कि खुद गोलियां खाईं हैं, हसन नसरुल्लाह के जाने से हमें तकलीफ हुई है और दूसरी तकलीफ यह भी है कि इल्जाम लगाया जा रहा है कि वह आतंकवादी था.

स्थानीय दुकानदार चंद ने बताया कि हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरुल्लाह की के शहादत को लेकर हम अपनी दुकानों को तीन दिनों तक बंद रखेंगे और ये आम जनता की तरफ से किया जा रहा है और ये जनता की ओर से किया जा रहा है और काले झंडे धार्मिक स्थल पर लगा कर गम मनाया जा रहा.

जमात-ए-इस्लामी हिंद ने की निंदा

दिल्ली में जमात-ए-इस्लामी हिंद जैसे सुन्नी मुस्लिम संगठनों ने भी बेरूत पर हमले की निंदा करते हुए इसे कायरतापूर्ण आक्रमण बताया है. जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सदातुल्लाह हुसैनी ने कहा, ”हम लेबनान के शहर बेरूत पर अंधाधुंध और बर्बर हवाई हमलों को अंजाम देने के लिए इजरायल की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरुल्लाह सहित 40 से अधिक लोग मारे गए. हम लेबनान के लोगों और उन सभी लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना, सहानुभूति और अटूट एकजुटता व्यक्त करते हैं जो रंगभेदी और इजरायल के उपनिवेशवादी शासन द्वारा फिलिस्तीन और अन्य संप्रभु क्षेत्रों पर अवैध कब्जे का विरोध कर रहे हैं. यह कायरतापूर्ण आक्रमण एक नरसंहार और जघन्य अपराध है.”

इससे पहले जेकेपीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने लेबनान में मारे गए नसरल्लाह की मौत पर दुख जताते हुए अपने विधानसभा प्रचार कैंपेन को रद्द कर दिया था. उनके बाद एनसी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुला ने कहा कि भारत को इजरायल पर गाजा और लेबनान में निर्दोष लोगों पर हमला बंद करने के लिए दबाव डालना चाहिए.

सीएम हिमंता ने की महबूबा की आलोचना

महबूबा मुफ्ती की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि कश्मीर में महमूबा मुफ्ती का कहना है कि वह चुनाव प्रचार नहीं करेंगी, क्योंकि उन्हें दुख है कि हसन नसरुल्लाह मारा गया है. जब आतंकवादी हिंदू सैनिकों को मारते हैं तो आपको दुख होता है या नहीं?

बजरंग दल ने किया विरोध

वहीं, रविवार को नसरल्लाह की मौत पर भारत के जम्मू-कश्मीर में भी प्रदर्शन हुए थे. इसके विरोध में राष्ट्रीय बजरंग दल भी सड़कों पर उतर आया है. बजरंग दल का कहा है, ‘जो लोग भारत में हसन नसरल्लाह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वे हमारे इतिहास को बिल्कुल नहीं जानते हैं. भारत ने हमेशा उन निर्दोष लोगों के खिलाफ बोला है जो दबे हुए हैं, हम हमेशा उन लोगों की आवाज रहे हैं जो कमजोर हैं और शक्तिशाली लोगों के हाथों अत्याचार का सामना कर रहे हैं’

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