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तहसीलदार का किसानों के साथ हुआ झड़प: गालियां, कॉलर पकड़कर हाथापाई…

मऊगंज: किसानों को न्याय दिलाने का दावा करने वाला प्रशासन खुद किसानों पर अत्याचार करता नज़र आया. मऊगंज के गनिगमा गांव से एक हैरान कर देने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें तहसीलदार वीरेंद्र पटेल किसानों के साथ अभद्रता करते, गालियां बकते और यहां तक कि कॉलर पकड़कर हाथापाई करते दिख रहे हैं.

यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

जानकारी के मुताबिक, गनिगमा गांव में जमीन विवाद को सुलझाने तहसीलदार पहुंचे थे। लेकिन विवाद सुलझाने के बजाय वे खुद विवाद का हिस्सा बन गए. किसानों के मुताबिक, तहसीलदार ने बिना वजह अपशब्द कहे, कॉलर पकड़कर झूमाझटकी की और खुलेआम अपमानित किया। पीड़ित किसान सुषमेश पांडे और कौशलेश प्रजापति ने आरोप लगाया कि तहसीलदार ने जानबूझकर उनसे बदसलूकी की.

चौंकाने वाली बात यह है कि यह पहली बार नहीं है जब तहसीलदार पटेल विवादों में फंसे हों। इससे पहले भी अधिवक्ताओं से टकराव और आरटीआई में जानकारी देने से इनकार जैसे मामलों में उनका नाम सुर्खियों में रहा है.

मामला तूल पकड़ने पर मीडिया ने जब तहसीलदार से बात की तो उन्होंने उल्टा किसानों पर आरोप मढ़ दिए। लेकिन वायरल वीडियो साफ दिखा रहा है कि किसानों से गाली-गलौज और कॉलर पकड़ने की घटना हुई है.

वहीं, कलेक्टर संजय जैन ने जांच कराने की बात कही है, जबकि नायब तहसीलदार उमाकांत शर्मा सफाई देते नज़र आए। उनका कहना है कि यह सब ‘भ्रम’ की वजह से हुआ.

लेकिन बड़ा सवाल यही है कि आखिर किसानों के साथ गाली-गलौज और हाथापाई को कौन सा ‘भ्रम’ कहा जा सकता है? तहसीलदार की यह हरकत न केवल किसानों के सम्मान पर चोट है, बल्कि प्रशासनिक कार्यप्रणाली की पोल भी खोलती है.

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