खंडवा में कुत्तों का आतंक, बदमाशों की तरह Photo से पहचान कर की जा रही धरपकड़

खंडवा। शहर में कुत्तों का आतंक बरकरार है। रात ही नहीं दिन में भी कुत्ते लोगों पर हमला कर रहे हैं, इनमें बच्चे भी शामिल हैं। जिला अस्पताल में पंद्रह दिन का आंकड़ा देखें तो करीब 20 से अधिक लोग कुत्ते के काटने से घायल हुए हैं। इन्हें रेबिज के इंजेक्शन लग रहे हैं।

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कुत्तों को पकड़ने की नई ट्रिक

इधर बार-बार हमला करने वाले कुत्तों को पकड़ने के लिए नगर निगम ने नई ट्रिक अपनाई है। ऐसे कुत्तों के फोटो संबंधित क्षेत्रों से मंगवाए जा रहे हैं। इस फोटो के आधार पर इनकी धरपकड़ की जा रही है।

लोगों को काट रहे कुत्ते

सिविल लाइन क्षेत्र की सांई रिजेंसी कालोनी में मंदिर के पास सात वर्षीय मासूम सर्वज्ञ उपाध्याय पर कुत्ते ने हमला कर दिया। बच्चे को जख्मी हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार किया गया

इसी तरह कुछ दिन पूर्व जगदंबा नगर में लक्की चौहान के दो वर्षीय बच्चे को भी कालोनी में घूम रहे कुत्तों ने आंगन में घेर लिया। गनीमत रही कि लोगों ने शोर मचाते हुए कुत्तों को यहां से भगाया नहीं तो बच्चे के साथ बड़ा हादसा हो सकता है।

कॉलोनियों में कुत्तों का आतंक

ऐसे एक नहीं कई मामले शहर की कालोनियों और मोहल्लों में हो रहे हैं। रात्रि में तो लोगों को घरों से बाहर निकलने में भय लगने लगता है। बुधवारा बाजार क्षेत्र, सिविल लाइन क्षेत्र, नारायण नगर, शांतिनगर, पदमनगर जैसे क्षेत्रों में कुत्तों के हमले बढ़ रहे हैं।

इधर रामनगर, माता चौक क्षेत्र, अरिहंत कालोनी क्षेत्र में भी कुत्ते बढ़ते जा रहे हैं। इन क्षेत्रों से लोगों द्वारा कुत्तों को पकड़ने के लिए नगर निगम में लगातार शिकायतें की जा रही हैं। नगर निगम द्वारा निजी संस्था के माध्यम से कुत्तों को पकड़कर इनकी नसबंदी कराए जाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

तीन हजार से अधिक कुत्तों की नसबंदी

नगर निगम द्वारा एक साल में तीन हजार से अधिक कुत्तों की नसबंदी कराई गई है। मार्च 2024 से दिसंबर 2025 का आंकड़ा देंखें तो तीन हजार 52 तक पहुंच गया है। नगर निगम ने एक निजी संस्था को कुत्तों के बघियाकरण करने का ठेका दिया है।

हालांकि संबंधित संस्था का ठेका समाप्ता हो गया है। नगर निगम द्वारा नए टेंडर जारी नहीं किए गए हैं। संस्था की समय सीमा बढ़ा दी गई है। यही संस्था फिलहाल कुत्तों की नसबंदी कर रही है। एक कुत्ते की नसबंदी पर संस्था को 1048 रुपये दिए जा रहे हैं।

किसी भी क्षेत्र से सूचना मिलने पर संस्था के कर्मचारी वाहन लेकर पहुंच जाते हैं।कुत्तों को पकड़ने के लिए एक विशेष तरह की जाली का उपयाेग किया जाता है।नसबंदी के बाद कुत्ते उसी क्षेत्र में छोड़ दिए जाते हैं जहां से पकड़ा जाता है।

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