रीवा : मध्य प्रदेश का रीवा जिला हर दिन किसी न किसी मामले को लेकर मीडिया में चर्चा का विषय बना रहता है. इस बीच वन विभाग की टीम अलर्ट मोड पर है. दरअसल, टीम पिछले 7 दिनों से यहां तेंदुए की तलाश कर रही है, लेकिन अभी तक उन्हें कोई सुराग नहीं मिल पाया है. वहीं, लोगों में दहशत का माहौल है. बीते कुछ दिन पहले पूर्व विधायक के द्वारा मच्छरदानी के द्वारा आदम खोर तेंदुए को पकड़ने का प्रयास किया गया था मगर नहीं लगा कहीं भी सुराग.
तराई गांव के लोग भी तेंदुए को खोजने के लिए सर्च अभियान चला रहे हैं. वन विभाग की टीम का कहना है कि तेंदुआ लापता है, इसलिए वह जंगल की ओर चला गया होगा. जिसने अब तक चार लोगों को घायल कर दिया है. इसके बाद तेंदुए का मूवमेंट नजर नहीं आ रहा है.
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तेंदुए को लेकर निगरानी जारी है. रीवा वन विभाग ने उत्तर प्रदेश वन विभाग की टीम के साथ मिलकर तेंदुए को पकड़ने के लिए संयुक्त सर्च अभियान चलाया था. जिसमें अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है. तेंदुए के न दिखने से आसपास के ग्रामीण इलाकों में डर का माहौल बना हुआ है. लोग अपने घरों में ही कैद हैं. मिलिजानकारी के मुताबिक तेंदुए के हमले से घायल चारों लोगों की हालत स्थिर बताई जा रही है. जिनकी पहचान रामसागर कोल, भैरव प्रसाद कोल, सूरज कोल और बृजलाल कोल के रूप में हुई है.
जवा थाना प्रभारी कन्हैया बघेल ने बताया कि तेंदुआ सरसों के खेत में छिपा हुआ था. मौका मिलते ही उसने चार लोगों को घायल कर दिया. इसके बाद तेंदुआ इलाके में नजर नहीं आया, लेकिन लोग डरे हुए हैं. एडिशनल एसपी विवेक लाल ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की गई है. वहीं वन विभाग के अधिकारी हृदय लाल सिंह का कहना है कि तेंदुए की उम्र करीब 5 से 6 साल है. 27 दिसंबर को हमला करने के बाद अभी तक उसकी कोई हरकत नहीं देखी गई है. इसके बावजूद वन विभाग की टीम लगातार कड़ी निगरानी कर रही है. इसलिए लोगों को डरने की जरूरत नहीं है, अभी भी सतर्क रहें, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो. वहीं कुछ ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुआ रात में ही अपना शिकार ढूंढने निकलता है दिन में वह खेतों में कहीं ना कहीं छिप जाता होगा.