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J-K: राजौरी में सेना के कैंप पर आतंकी हमला, सुरक्षाबलों ने किया नाकाम, सर्च ऑपरेशन जारी

जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से आतंकियों ने सेना के कैंप को निशाना बनाया है. राजौरी में आतंकियों ने सेना के कैंप पर हमला किया जिसे सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया. आतंकी हमले में सेना का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया है. आतंकवादियों ने राजौरी के सुदूर गांव में स्थित सेना के कैंप को निशाना बनाते हुए जबरदस्त फायरिंग की.

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सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभालते हुए जवाबी फायरिंग की और हमले को नाकाम कर दिया. इसके बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली और बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ है और आतंकियों की तलाश की जा रही है. कितने आतंकी थे, इसका अभी पता नहीं चल पाया है. वहीं गंभीर रूप से घायल हुए जवान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

सुबह 3.30 बजे किया हमला

आतंकियों ने सुबह लगभग 3.30 बजे राजौरी जिले के सुदूर बुधल इलाके के गुंडा गांव में स्थित सेना के कैंप पर जबरदस्त गोलीबारी शुरू कर दी. यह कैंप हाल ही में बनाया गया है. सतर्क सेना के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की और संभावित बड़े आतंकी हमले को नाकाम कर दिया. इस दौरान एक छोटी मुठभेड़ हुई. हालांकि, आतंकवादी भागने में सफल रहे. इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.

एक महीने में 12 जवान शहीद

आपको बता दें कि बीते एक महीने के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान आतंकवादियों ने कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया, जिनमें 12 जवान शहीद हुए हैं और 9 आम नागरिकों की मौत हुई है. हालिया हमला डोडा में हुआ था, जहां घने जंगलों में सेना के एक सर्च दल पर आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला कर दिया था. इस हमले में एक अधिकारी सहित चार जवान शहीद हो गए.

बताया जा रहा है कि सुरक्षा बलों पर हमलों की जिम्मेदारी लेने के लिए आतंकी संगठनों द्वारा रेजिस्टेंस फ्रंट, पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट, कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स जैसे नामों के बाद अब कश्मीर टाइगर्स नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है. जैश और लश्कर जैसे आतंकी संगठन सुरक्षाबलों की जांच को प्रभावित करने के लिए इस रणनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि यह पहली बार नहीं, इससे पहले भी आतंकी संगठन इस तरह की रणनीति अपना चुके हैं.

पिछले एक महीने में कब-कब हुए आतंकी हमले

रियासी में बस पर हुआ था अटैक: कटरा के रियासी इलाके में तीर्थयात्रियों को माता वैष्णो देवी मंदिर लेकर जा रही 53 सीटर बस पर 9 जून की शाम आतंकियों ने हमला किया था. इसके बाद बस खाई में गिर गई थी, जिसमें एक नाबालिग समेत 9 लोगों की मौत हो गई और 41 अन्य घायल हो गए थे. बस में उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के तीर्थयात्री सवार थे. बस पर हमले करने वाले आतंकी पहाड़ी इलाके में छुपे हुए थे.

कठुआ में एक जवान हुआ था शहीद: 11 जून को जम्मू कश्मीर के कठुआ के एक गांव में आतंकी घुस आए थे. इसके बाद आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया था. कठुआ जिले के गांव में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों का ऑपरेशन शुरू हुआ था. इस जिले के हीरानगर सेक्टर के सैदा सुखल गांव पर आतंकियों ने हमला किया था. सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में सीआरपीएफ का एक जवान भी शहीद हुआ था.

डोडा में मारा गया था एक आतंकी: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सेना के अस्थायी ऑपरेटिंग बेस पर 12 जून को आतंकियों ने गोलीबारी की थी. इस दौरान सेना के दो जवान घायल हो गए थे. मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया था. इसके साथ ही एक नागरिक घायल भी हो गया था. रियासी और कठुआ के बाद जम्मू इलाके में यह तीन दिनों में तीसरा आतंकी हमला था.

कुलगाम में मुठभेड़ में 2 जवान शहीद: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम के दो गावों में 6 जुलाई को हुए एनकाउंटर में 2 जवान शहीद हो गए थे. इनमें से एक एनकाउंटर कुलगाम ले के चिनिगाम में तो वहीं दूसरा अभियान मोदरगाम गांव में हुआ था. गोलीबारी में लांस नायक प्रदीप नैन (पैरा कमांडो) और आरआर के हवलदार राज कुमार शहीद हुए थे.

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