PAK के टेरर कैंपों की तबाही से बौखलाए आतंकी, संगठन में तेज की भर्त‍ियां, उगल रहे भारत के ख‍िलाफ जहर..

आतंक के ख‍िलाफ भारत की कार्रवाई से आतंकी संगठन बौखला गए हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले हालिया संघर्ष के बाद पाकिस्तान में मौजूद आतंकी समूहों ने भारत के खिलाफ अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं. ये समूह अब खुलकर भारत विरोधी बातें कर रहे हैं ताकि ज्यादा लोगों का समर्थन, फंडिंग और नए सदस्य जुटा सकें. यह जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध वीडियो और प्रचार सामग्री से सामने आई है.

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पाकिस्तान में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे आतंकी संगठन जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी (प्रतिबंध‍ित) घोषित किया है, ये अब खुलकर प्रचार कर रहे हैं. ये संगठन भारत-पाकिस्तान संघर्ष में पाकिस्तान की झूठी जीत का दावा करके लोगों को लुभा रहे हैं. जहां जैश-ए-मोहम्मद डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय है, वहीं लश्कर-ए-तैयबा अपनी राजनीतिक पार्टी के जरिए रैलियां निकाल रहा है. बता दें कि भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के जरिये इन दोनों संगठनों के मुख्यालयों पर हवाई हमले किए थे. यह हमला पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था जिसमें कई लोग मारे गए थे.

जहर उगल रहा जैश-ए-मोहम्मद (JeM)

जैश-ए-मोहम्मद ने भारत के खिलाफ जहर उगलने और नए लोगों को भर्ती करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है. यह संगठन फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक, X (पहले ट्विटर), व्हाट्सएप ग्रुप्स और ब्लॉगस्पॉट जैसे प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय है. इनके जरिए वे जिहाद की विचारधारा फैला रहे हैं, खुलकर डोनेशन मांग रहे हैं और युवाओं को भारत के खिलाफ जिहाद में शामिल होने के लिए उकसा रहे हैं.

मार्कज सय्यदना तमिम दारी (MSTD) नाम की एक फेसबुक पेज जैश की डिजिटल प्रचार का अहम हिस्सा है. इस पेज पर जैश के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के भड़काऊ भाषण पोस्ट किए जाते हैं और भारत के खिलाफ जिहाद का आह्वान किया जाता है. इन पेजों पर मारे गए आतंकियों को ‘शहीद’ बताकर उनकी तारीफ की जाती है. एक ऑडियो क्लिप में जैश का एक सदस्य पाकिस्तान सरकार की आलोचना करते हुए भी सुनाई देता है, क्योंकि भारत के हमलों के बाद सरकार ने मदरसों और मस्जिदों को बंद कर दिया था.

जैश की सोशल मीडिया टीम फेसबुक और इंस्टाग्राम पोस्ट्स के कमेंट सेक्शन में व्हाट्सएप ग्रुप्स और चैनल्स के लिंक डालकर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम ने 30 से ज्यादा फेसबुक पेज, व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप्स-चैनल्स की पहचान की है जो जैश की विचारधारा, भारत विरोधी प्रचार और ‘गजवा-ए-हिंद’ (भारत में इस्लामिक शासन लाने का सपना) को बढ़ावा दे रहे हैं. ये प्लेटफॉर्म सिर्फ नफरत ही नहीं फैला रहे बल्कि पाकिस्तानी और कश्मीरी युवाओं को जिहाद के लिए उकसा रहे हैं.

एक व्हाट्सएप चैनल, जिसे फेसबुक पर प्रमोट किया जा रहा है, पाकिस्तानी युवाओं से जैश प्रमुख मसूद अजहर के प्रति वफादारी की शपथ लेने और भारत के खिलाफ जिहाद में शामिल होने की अपील कर रहा है. इस ग्रुप में एक व्हाट्सएप नंबर और टेलीग्राम चैनल का लिंक भी दिया गया है. साथ ही भर्ती के लिए निर्देश भी हैं. जैश ने पाकिस्तानी लोगों से मसूद अजहर के लिए समर्थन संदेश भेजने की भी अपील की है और इसके लिए जगह, समय और तरीके की जानकारी दी है.

जैश ने बहावलपुर में होर्डिंग्स भी लगाए हैं जिसमें लोगों को अगस्त में होने वाले एक बड़े कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया गया है. इन होर्डिंग्स में मरकज सुभान अल्लाह की तस्वीरें हैं जो भारत के 7 मई के हमले में क्षतिग्रस्त हो गया था. होर्डिंग में मस्जिद के निर्माण के लिए डोनेशन देने और 25 अगस्त 2025 को जिहादी कविताएं सुनने की अपील की गई है.

लश्कर-ए-तैयबा (LeT) भी पीछे नहीं
लश्कर-ए-तैयबा की स्थापना हाफिज सईद ने की थी. यह संगठन जैश से ज्यादा मजबूत स्थिति में है क्योंकि इसकी एक राजनीतिक पार्टी है, जिसका नाम है पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) और इस पार्टी के जरिए लश्कर खुलेआम बड़े सार्वजनिक आयोजन कर रहा है. 28 मई को PMML ने पाकिस्तान में 24 से ज्यादा जगहों पर रैलियां निकालीं. ये रैलियां यौम-ए-तकबीर के मौके पर थीं जो 1998 में पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण की याद में मनाया जाता है. इन रैलियों में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर और हाफिज सईद की तस्वीरों वाले पोस्टर लगाए गए और भारत के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाए गए.

इन रैलियों का नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित सैफुल्लाह कसूरी ने किया. गौरतलब है कि सैफुल्लाह पर पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में शामिल होने का आरोप है, जिसके जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया था. 28 मई को पंजाब के कसूर जिले के इलाहाबाद चौक पर ‘तकबीर कॉन्फ्रेंस’ में सैफुल्लाह ने पहलगाम हमले में अपनी भूमिका को स्वीकार किया. उसने कहा कि मैं कसूर में घूम रहा था, तभी मुझे पता चला कि भारत ने पहलगाम हमले का इल्जाम मुझ पर लगाया है. कसूर के लोगों, मैं आपको बधाई देता हूं. इस हमले से पहले कसूर बस पाकिस्तान का एक जिला था. अब कसूर पूरी दुनिया में मशहूर हो गया है.

इसी रैली में लश्कर के सह-संस्थापक और अमेरिका द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित अमीर हमजा ने ‘कश्मीर बनेगा पाकिस्तान, जम्मू बनेगा पाकिस्तान, पंजाब बनेगा पाकिस्तान’ नारे लगाए. मंच पर हाफिज सईद का बेटा तलहा सईद भी मौजूद था, जिसे अमेरिका और भारत ने आतंकी घोषित किया है. इसके अलावा पाकिस्तान की पंजाब असेंबली के स्पीकर मलिक मोहम्मद अहमद खान भी वहां था. बता दें कि PMML से पहले लश्कर की राजनीतिक पार्टी का नाम मिल्ली मुस्लिम लीग था. लेकिन सालज 2018 में इसके नेताओं को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया, जिसके बाद PMML बनाई गई. PMML ने पिछले साल पाकिस्तान के आम चुनावों में हिस्सा लिया था लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली थी.

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