इंदौर। इंदौर में बीतें दिनों आयोजित मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कान्क्लेव 2025 में मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने सिंहासा आइटी पार्क में बनने वाले इनक्यूबेशन सेंटर का औपचारिक भूमिपूजन किया। अब जल्द ही यहां दस हजार वर्गफीट में इनक्यूबेशन सेंटर आकार लेगा। यह इनक्यूबेशन सेंटर आईआईटी इंदौर के दृष्टि सीपीएस फाउंडेंशन द्वारा विकसित किए जाएगा, जो इसी वर्ष अक्टूबर में काम करना शुरू कर देगा। यहां न सिर्फ इनक्यूबेटर्स को मेंटरिंग और तकनीकी सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं भी प्रदान की जाएगी। यह संभवत: शहर का पहला ऐसा इनक्यूबेशन सेंटर होगा, जहां इनक्यूबेटर प्रोडक्ट का वैलिडेशन और टेस्टिंग करने में सक्षम होंगे, जिससे उनकी इंडस्ट्री पर निर्भरता भी खत्म होगी।
यह सेंटर इनक्यूबेशन कम नवाचार सेंटर होगा। यहां पूरी तरह से डिपटेक स्टार्टअप पर काम होगा। जहां विद्यार्थियों को तकनीक विकसित करने में भी मदद मिलेगी। आईआईटी इंदौर और दृष्टि सीपीएस के प्रोफेसर और तकनीकी विशेषज्ञ विद्यार्थियों को मेंटरशिप प्रदान करेंगे। तकनीक पर काम करने के दौरान उन्हें टेक सपोर्ट भी प्रदान किया जाएगा, जिसके उन्हें तकनीक और गाइडेंस के मामले में कोई समस्या नहीं होगी।
Indore: इनक्यूबेशन सेंटर में रोबोटिक उपकरणों से होगी टेस्टिंग, अमेजन की तकनीक भी देगी मदद
सिंहासा आईटी पार्क में अक्टूबर में काम करना शुरू कर देगा यह सेंटर।
यहां पर पूरी तरह से डिपटेक स्टार्टअप पर काम शुरू होगा।
विद्यार्थियों को तकनीक विकसित करने में भी मदद मिलेगी।
आईआईटी इंदौर, दृष्टि सीपीएस के प्रोफेसर मेंटरशिप देंगे।
भरत मानधन्या, इंदौर। इंदौर में बीतें दिनों आयोजित मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कान्क्लेव 2025 में मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने सिंहासा आइटी पार्क में बनने वाले इनक्यूबेशन सेंटर का औपचारिक भूमिपूजन किया। अब जल्द ही यहां दस हजार वर्गफीट में इनक्यूबेशन सेंटर आकार लेगा। यह इनक्यूबेशन सेंटर आईआईटी इंदौर के दृष्टि सीपीएस फाउंडेंशन द्वारा विकसित किए जाएगा, जो इसी वर्ष अक्टूबर में काम करना शुरू कर देगा। यहां न सिर्फ इनक्यूबेटर्स को मेंटरिंग और तकनीकी सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं भी प्रदान की जाएगी। यह संभवत: शहर का पहला ऐसा इनक्यूबेशन सेंटर होगा, जहां इनक्यूबेटर प्रोडक्ट का वैलिडेशन और टेस्टिंग करने में सक्षम होंगे, जिससे उनकी इंडस्ट्री पर निर्भरता भी खत्म होगी
यह सेंटर इनक्यूबेशन कम नवाचार सेंटर होगा। यहां पूरी तरह से डिपटेक स्टार्टअप पर काम होगा। जहां विद्यार्थियों को तकनीक विकसित करने में भी मदद मिलेगी। आईआईटी इंदौर और दृष्टि सीपीएस के प्रोफेसर और तकनीकी विशेषज्ञ विद्यार्थियों को मेंटरशिप प्रदान करेंगे। तकनीक पर काम करने के दौरान उन्हें टेक सपोर्ट भी प्रदान किया जाएगा, जिसके उन्हें तकनीक और गाइडेंस के मामले में कोई समस्या नहीं होगी।
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क्लाउड कंप्यूटिंग की होगी सुविधा
इस सेंटर में हार्डवेयर आधारित तकनीकों के साथ ही साफ्टवेयर आधारित स्टार्टप के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी सुविधाएं देने की तैयारी है।
इसके लिए सेंटर का खुद का डाटा सेंटर तैयार किया जाएगा। इसमें सेंटर के खुद के सर्वर और क्लाउड रैक होंगे।
इसके साथ ही गूगल, एडबल्यूएस (अमेजन) और जाहो के एपीआइ और सीआरएम भी उपयोग के लिए उपलब्ध होंगे।
सीआरएम माडल वह तकनीक है, जिसके माध्यम से जिसमें टीम और कस्टर का ट्रैक रिकार्ड स्टोर कर रखा जाता है।
प्लग एंड प्ले मोड में होगी टेस्टिंग
सामान्य तौर पर इनक्यूबेशन सेंटर में इनक्यूबेटर्स को मेंटरिंग और तकनीकी मदद ही दी जाती है।
जबकि प्रोडक्ट की टेस्टिंग के लिए इंडस्ट्री पर निर्भर रहना पड़ता है।
इस सेंटर से इंडस्ट्री पर निर्भरता भी कम होगी। सेंटर के लिए रोबोटिक आर्म माडल तैयार किया है।
इसके माध्यम से इनक्यूबेटर्स प्लग एंड प्ले मोड में अपने प्रोडक्ट का वैलिडेशन और टेस्टिंग होगी।
इससे मार्केट में उतरने से पूर्व ही प्रोडक्ट की गुणवत्ता की जानकारी मिल सकेगी।
इससे वैलिडेशन और टेस्टिंग की लागत में भी कमी आएगी। सेंटर में इंटेलिजेंस मैन्यूफेक्चरिंग सेटअप भी होगा।
ये सुविधाएं भी होंगी
– वर्चुअल प्रोटोटाइपिंग- इससे डिजाइन खामियों का जल्दी पता लगाया जा सकता है, जिससे कई भौतिक प्रोटोटाइप की आवश्यकता कम हो जाती है।
– डिजिटल ट्विन्स और रोबोटिक्स- ये रियल टाइम मानिटरिंग में सक्षम होते हैं, जिससे प्रोडक्ट के प्रदर्शन में सुधार होता है।