थाईलैंड की संवैधानिक कोर्ट ने पूर्व कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन सेन के साथ लीक हुई फोन कॉल के मामले की जांच पेंडिंग रहने तक प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा को पद से सस्पेंड कर दिया है. जजों ने मंगलवार को सर्वसम्मति से उन पर नैतिकता के उल्लंघन का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई की और पीएम शिनावात्रा को ड्यूटी से सस्पेंड करने के पक्ष में 7-2 से मतदान किया.
लीक फोन कॉल से छिड़ा विवाद
शिनावात्रा को कंबोडिया के साथ हालिया सीमा विवाद से निपटने के लिए बढ़ते असंतोष का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें 28 मई को एक सैन्य टकराव शामिल था. इस संघर्ष में एक कंबोडियाई सैनिक मारा गया था. सीमा विवाद पर कूटनीति में लगे रहने के दौरान लीक हुए फोन कॉल ने शिनावात्रा के खिलाफ शिकायतों और सार्वजनिक विरोध प्रदर्शनों की झड़ी लगा दी.
सीमा विवाद को सुलझाने के लिए शिनावात्रा ने कंबोडिया के ताकतवर नेता हुन सेन के साथ फोन पर बातचीत की थी, जिसकी कॉल रिकॉर्डिंग लीक हो गई. इस फोन कॉल के दौरान दोनों नेताओं ने सीमा विवाद पर चर्चा की और बातचीत में शिनावात्रा ने हुन सेन को ‘अंकल’ कहकर संबोधित किया. साथ ही कहा कि अगर उन्हें कुछ चाहिए तो वह उसका ख्याल रखेंगी. इसके अलावा शिनावात्रा ने थाई सैन्य कमांडर को अपना ‘प्रतिद्वंद्वी’ बताया, जिसके कारण पीएम की काफी आलोचना हुई और उन पर दुश्मन देश के आगे घुटने टेकने का आरोप लगा.
दुश्मन देश के आगे झुकने का आरोप
रूढ़िवादी सांसदों ने उन पर कंबोडिया के सामने झुकने और सेना को कमजोर करने का आरोप लगाया है. साथ ही आरोप लगाया है कि उन्होंने मंत्रियों के बीच ‘स्पष्ट ईमानदारी’ और ‘नैतिक मानकों’ की जरूरत वाले संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ जाकर काम किया है. इसी लीक फोन कॉल के बाद पूरे देश में पीएम शिनावात्रा के खिलाफ आक्रोश फैल गया और उनको संवैधानिक जांच का सामना करना पड़ रहा है.
पैटोंगटार्न शिनावात्रा ने सोमवार को कहा कि वह अदालती प्रक्रिया को स्वीकार करेंगी और उसका पालन करेंगी. हालांकि वह नहीं चाहतीं कि उनके काम में कोई रुकावट आए. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘अगर आप मुझसे पूछें कि क्या मैं चिंतित हूं, तो मैं परेशान हूं.’ इससे पहले थाईलैंड के राजा महा वजिरालोंगकोर्न ने मंत्रिमंडल में फेरबदल का समर्थन किया था, जो उस समय मजबूरी में किया गया था, जब लीक हुए फोन कॉल की वजह से एक प्रमुख पार्टी ने शिनावात्रा की गठबंधन सरकार से नाता तोड़ दिया था.
कैबिनेट में हुआ फेरबदल
इस फेरबदल में पूर्व उप प्रधानमंत्री अनुतिन चारविरकुल को पद से हटाया गया, जो भूमजैथई पार्टी के नेता थे, जिन्होंने फोन कॉल लीक के बाद सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. अनुतिन की जगह फुमथम वेचायाचाई की नियुक्ति की गई है, जो पहले रक्षा मंत्री थे और अब उन्हें गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. रक्षा मंत्री का पद खाली छोड़ दिया गया और उप मंत्री को कार्यवाहक मंत्री बनाया गया है.
शिनावात्रा ने खुद संस्कृति मंत्री का पद संभाला है. उन्होंने कहा कि वह वैश्विक स्तर पर थाई संस्कृति को बढ़ावा देना चाहती हैं. प्रधानमंत्री बनने से पहले शिनावात्रा ने थाईलैंड के भोजन, संस्कृति और खेल पर फोकस करते हुए देश की ‘सॉफ्ट पावर’ को बढ़ावा देने में अहम रोल निभाया था.
पीएम पद भी जा सकता है
संवैधानिक न्यायालय ने पिछले साल नैतिकता के उल्लंघन के कारण उनके पूर्ववर्ती श्रेथा थाविसिन को बर्खास्त कर दिया था. पूर्व पीएम थाविसिन पर एक अपराधी को मंत्री बनाने का आरोप था. थाईलैंड की अदालतों, विशेष रूप से संवैधानिक कोर्ट को राजशाही प्रतिष्ठान के एक गढ़ के रूप में देखा जाता है, जिसने राजनीतिक विरोधियों को डुबोने के लिए उनका और चुनाव आयोग जैसी नाममात्र की स्वतंत्र एजेंसियों का इस्तेमाल किया है.
शिनावात्रा को राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक आयोग के कार्यालय की तरफ से कथित तौर पर नैतिकता के उल्लंघन की जांच का भी सामना करना पड़ रहा है, जिसका फैसला आने पर उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाया भी जा सकता है. इस कॉल पर आक्रोश विशेष तौर पर शिनावात्रा की तरफ से थाई सैन्य कमांडर पर दिए बयानों और सीमा पर तनाव कम करने के लिए कंबोडियाई नेता हुन सेन को खुश करने की कोशिशों को लेकर था.
पैटोंगटार्न शिनावात्रा थाईलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री होने के साथ-साथ देश की दूसरी महिला पीएम हैं. वह पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की सबसे छोटी बेटी हैं. पैटोंगटार्न अपने परिवार से थाईलैंड की पीएम बनने वाली तीसरी नेता हैं. उनके पिता थाकसिन शिनावात्रा और बुआ यिंगलुक शिनावात्रा भी पीएम रह चुके हैं.