पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल की तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से लगातार चार बार के सांसद शशि थरूर इन दिनों देश की सियासत में चर्चा का केंद्र बन गए हैं. शशि थरूर ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात कर पार्टी में अपनी भूमिका स्पष्ट करने की मांग की थी और यहां तक कह दिया था कि अगर पार्टी को मेरी जरूरत नहीं है तो मेरे पास अन्य विकल्प भी हैं. कांग्रेस में हाशिए पर चल रहे थरूर के इस चैप्टर में अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल (यूनाइटेड) की भी एंट्री हो गई है.
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कांग्रेस को गांधी परिवार के स्वामित्व वाली फर्म बताया है और कहा है कि थरूर के बुरे दिन तभी शुरू हो गए जब वे गांधी परिवार के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़े. उन्होंने ये भी दावा किया कि अगर शशि थरूर की सार्वजनिक छवि अच्छी नहीं होती तो उनकी छंटनी और अधिक तेज और अधिक स्पष्ट होती. बीजेपी की अगुवाई वाले केंद्र की सत्ता पर काबिज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक जनता दल (यूनाइटेड) का भी शशि थरूर के मुद्दे पर बयान आया है.
जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के अपनी पार्टी की मौजूदा स्थिति से नाखुश होने का दावा किया है. उन्होंने कहा है कि शशि थरूर कांग्रेस में पनपी राजनीतिक संकीर्णता से नाखुश हैं. केसी त्यागी ने यह भी कहा कि किसी विशेष संदर्भ में अन्य दलों की तारीफ करना पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं है. उन्होंने शशि थरूर के रुख से सहमति जताते हुए कहा है कि ऐसा पहले भी कई मौकों पर हुआ है जब किसी राजनेता ने विरोधी दल की तारीफ की हो.
गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की तारीफ करते हुए ये उम्मीद जताई थी कि इसके नतीजे अच्छे होंगे. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले राष्ट्राध्यक्षों में पीएम मोदी के क्रम का जिक्र करते हुए ये भी कहा था कि ये भारत की वैश्विक स्थिति को दर्शाता है. केंद्र सरकार और पीएम मोदी की तारीफ के अलावा थरूर ने एक लेख में केरल की लेफ्ट सरकार की निवेश के अनुकूल नीतियों और स्टार्टअप इनिशिएटिव के लिए तारीफ की थी.