यूपी के मुरादाबाद में जो हुआ, उसका किसी को अंदाजा तक हीं था. मामला था एक सरकारी कार्यक्रम में मंत्री के सामने हुई चूक का था. इस चूक की सजा में पांच अफसरों को सस्पेंड होना पड़ा.दरअसल मुरादाबाद के सिविल लाइंस चौराहे पर नगर निगम द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा और फव्वारे के लोकार्पण का भी कार्यक्रम था. इसके अलावा यूपी के बिजली मंत्री एके शर्मा का जनता से सीधा संवाद और ऊर्जा सुधार की योजनाओं को साझा करने था. इसी कार्यक्रम के दौरान बिजली आपूर्ति ठप हो गई. दस मिनट तक बिजली गुल रही. इसके बाद तो हड़कंप मच गया.
कार्यक्रम के बाद बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किया. कार्यक्रम समाप्त होते ही पीवीवीएनएल (पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) की प्रबंध निदेशक ईशा दुहन ने पूरी घटना पर सख्ती से संज्ञान लेते हुए एक के बाद एक पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया.
सस्पेंड किए गए अफसरों में शामिल हैं:
– चीफ इंजीनियर अरविंद सिंघल
– सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर सुनील अग्रवाल
– एक्सईएन प्रिंस गौतम
– एसडीओ राणा प्रताप
– जेई ललित कुमार
इन सभी पर कार्यक्रम के दौरान बिजली आपूर्ति में आई बाधा के लिए जवाबदेही तय की गई. पीवीवीएनएल की एमडी ईशा दुहन ने बयान जारी कर कहा कि हर सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए बिजली आपूर्ति सुनिश्चित रखने के स्पष्ट निर्देश होते हैं. ऐसे आयोजनों में कंटिजेंसी प्लान और वैकल्पिक व्यवस्था अनिवार्य होती है. इसके बावजूद मुरादाबाद में जो हुआ, वह घोर लापरवाही का संकेत है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी सरकारी या वीआईपी कार्यक्रम में बाधा को शासन बेहद गंभीरता से लेता है, और ऐसी घटनाएं भविष्य में दोहराई न जाएं, इसके लिए विभागीय अधिकारियों को चेतावनी दी गई है.
ऊर्जा मंत्री जनता से संवाद करने आए थे
ऊर्जा सुधार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का सीधा संवाद कार्यक्रम भी रखा गया था. वे प्रदेश में बिजली सुधार, ट्रांसफॉर्मर क्षमता बढ़ाने, लाइन लॉस कम करने और उपभोक्ताओं की शिकायतों के त्वरित निस्तारण पर योजनाएं साझा करने आए थे. तभी उनके कार्यक्रम में ही बिजली गुल हो गई.
उच्चस्तरीय जांच और सख्त दिशा-निर्देश
घटना के बाद विभाग ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं. संबंधित जोन के चीफ इंजीनियर को अन्य स्थान पर अटैच किया गया है और बाकी अफसरों को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया गया है. साथ ही सभी डिस्कॉम्स को निर्देश दिया गया है कि आने वाले समय में किसी भी सरकारी कार्यक्रम के दौरान बिजली आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था की समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाए. सूत्रों की मानें तो पूरे प्रदेश में इस घटना के बाद अन्य जोन के अधिकारी भी अलर्ट मोड में आ गए हैं और वीआईपी कार्यक्रमों के लिए तैयारियों की रिव्यू मीटिंग बुलाई जा रही हैं.