प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बंद में हुई द्विपक्षीय वार्ता के बीच टैरिफ का मुद्दा भी शामिल रहा होगा, इसमें कोई दो राय नहीं है. राष्ट्रपति ट्रंप पिछले कुछ समय से लगातार ‘टैरिफ बम’ फोड़ रहे हैं. आज भी उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात करने से पहले नई टैरिफ पॉलिसी पर साइन किये. लेकिन ऐसा लग रहा है कि टैरिफ के मुद्दे पर नेगोशिएशन में पीएम मोदी बाजी मार ले गए. राष्ट्रपति ट्रंप ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इशारों ही इशारों में इस बात को स्वीकार भी किया और इस दौरान उनके चेहरे के भाव देखने लायक थे.
मोलभाव में ट्रंप ने माना मोदी का लोहा
पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने ट्रंप से पूछा कि आप पीएम मोदी को हमेशा अच्छा नेगोशिएटर बताते हैं, लेकिन आज नेगोशिएशन में कौन किस पर भारी रहा? इस सवाल के जवाब में राष्ट्रपति ट्रंप ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘वह (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद) मुझसे ज्यादा टफ नेगोशिएटर हैं, मुझे कहीं बेहतर नेगोशिएटर हैं. नेगोशिएशन में इनसे मेरा कोई मुकाबला नहीं है… ओके. इसके बाद ट्रंप के चेहरे के भाव से अंदाजा लगाया जा सकता था कि बंद कमरे में टैरिफ को लेकर हुए मोलभाव में क्या हुआ.
मोदी से मुलाकात से पहले ट्रंप ने फोड़ा ‘टैरिफ बम’, लेकिन…
राष्ट्रपति ट्रंप ने आज पीएम मोदी पर ‘टैरिफ’ के मुद्दे पर दबाव बनाने की पूरी रणनीति बनाई थी. इसी रणनीति के तहत पीएम मोदी से मुलाकात के चंद घटों पहले ट्रंप ने ‘टैरिफ बम’ फोड़ा और नई टैरिफ नीति पर साइन कर दिये. इस नीति के मुताबिक, अमेरिका अब अन्य देशों पर उतना ही टैरिफ लगाएंगे, जितना वो लगाते हैं. ट्रंप का कहना है कि व्यापार के मामले हमनें निष्पक्षता के साथ यह निर्णय लिया है कि हम पारस्परिक टैरिफ (reciprocal tariffs) लागू करेंगे, जिसका मतलब है कि जो भी देश अमेरिका से शुल्क वसूलते हैं, हम भी उन पर शुल्क लगाएंगे- न ज्यादा, न कम.’ इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि भारत उन देशों में शामिल है, जो सबसे ज्यादा टैरिफ वसूलता है. भारत में व्यापार करना बेहद मुश्किल है. ये साफ नजर आ रहा था कि दबाव की कूटनीति हो रही है. लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप का कोई दाव काम नहीं आया.