वो लाल टेलीफोन, जो अकेले ही बना लाखों मौतों का ‘हथियार’! जिससे कांपते थे कई देश

यहां बात हो रही है एक ऐसे टेलीफोन की जिसकी वजह से लाखों लोगों की जान चली गई. आखिर इसमें ऐसा क्या है जो इसे सबसे खतरनाक हथियार बनाता है. यह जानने के लिए जब आप इस टेलीफोन के पीछे लिखे नाम को पढ़ेंगे, जो इसके मालिक का है तो वजह खुद समझ जाएंगे. टेलीफोन के पीछे लिखा है एडोल्फ हिटलर.

यह फोन हिटलर का है. मतलब इसके मालिक ने इसी फोन का इस्तेमाल करके वर्ल्ड वॉर टू में अपने सभी कत्लेआम का ऑर्डर दिया था. फरवरी 2017 में अमेरिका में हुई नीलामी में एडोल्फ हिटलर का यह टेलीफोन 243,000 डॉलर यानी करीब 2 करोड़ भारतीय रुपये में बिका था. हालांकि, इसकी बोली लगाने वाले का नाम अभी तक जारी नहीं किया गया है.

इसी फोन से हिटलर देते थे कत्लेआम के आदेश
मैरीलैंड में अलेक्जेंडर हिस्टोरिकल ऑक्शन्स की सूची में दिए गए विवरण के अनुसार, यह फोन हिटलर को वेहरमाच द्वारा भेंट किया गया था और द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम दो वर्षों के दौरान नाजी नेता हिटलर ने अपने अधिकांश आदेश जारी करने के लिए इसका इस्तेमाल किया था.

वर्ल्ड वॉर के बाद हिटलर के बंकर से मिला था फोन
कैटलॉग के विवरण के अनुसार यह फोन 1945 में फ़ुहरर बंकर से बरामद किया गया था. नीलामी घर के अनुसार ब्रिटिश अधिकारी राल्फ रेनर ने युद्ध की समाप्ति के कुछ ही दिनों बाद फील्ड मार्शल बर्नार्ड मोंटगोमरी के आदेश पर बर्लिन का दौरा करते समय हिटलर के बंकर से यह फोन बरामद किया था. राल्फ रेनर के बेटे रानल्फ रेनर को 1977 में अपने पिता की मृत्यु के बाद यह फ़ोन विरासत में मिला था.

फोन के पीछे लिखा है हिटलर का नाम
यह फोन काले रंग के बैकलाइट से बनी है. इसके ऊपर लाल रंग चढ़ा था. उस पर हिटलर का नाम और एक स्वस्तिक उकेरा गया है. नीलामी घर ने टेलीफोन को ‘हिटलर के विनाश का मोबाइल उपकरण’ बताया था और इसे संभवतः अब तक का सबसे विनाशकारी ‘हथियार’ कहा है, जिसने दुनिया भर में लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया.

Advertisements
Advertisement