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फरार आरोपी की थाने पर गुहार, फरियादी से है उसे खतरा… और पुलिस जुट गई सुरक्षा में

भोपाल। पुलिस की दरियादिली के साक्षात दर्शन इन दिनों राजधानी भोपाल के टीला जमालपुरा थाना में हो रहे हैं। जानलेवा हमले, शहर की फिजा खराब करने और क्षेत्र को उपद्रव के अवसाद से भर देने वाला दो महीने से फरार(पुलिस रिकॉर्ड में) आरोपी थाने पहुंचता है और फरियादिली से अपने लिए खतरे की गुहार लगाता है। पुलिस अपने परम कर्तव्य के लिहाज से इस आरोपी के लिए रक्षात्मक माहौल बनाने में जुट जाती है। गाज उन लोगों पर गिरती है, जो शातिर असामाजिक तत्व और पुलिस गठजोड़ से कई दिन जेल की सलाखों में रहकर आ चुके हैं।

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मामला पुराने शहर के थाना टीला जमालपुरा क्षेत्र का है। करीब दो माह पहले यहां हुए उपद्रव में क्षेत्र के रिकॉर्ड शुदा असामाजिक तत्व अनस और बाबर मस्जिद के बाहर दनादन गोलियां चलाते हैं। तलवार और छुरियां चलाकर भी घायल कर देते हैं। पुलिस कार्यवाही में आरोपी वह सिद्ध होते हैं, जिन्होंने जख्म खाए हैं। एक एक कर तीन भाइयों को जेल भी पहुंचा दिया गया। लेकिन न्यायालयीन प्रक्रिया में इस मामले का मानवीय पहलू देखा गया। अदालत ने तीनों भाइयों को जमानत पर रिहा कर दिया।

अब शातिर को छाया खोफ
उपद्रव और असामाजिक तत्वों एवं पुलिस गठजोड़ के शिकार तीनों भाइयों के जेल से बाहर आने से अब शातिर अनस और बाबर खोफ से घिरे हैं। डर है कि बदले की कार्यवाही न हो जाए। इस बात का अहसास उन्हें हो गया है कि शरीफ आदमी की शराफत तब तक ही बाकी रहती है, जब तक उसकी गैरत पर बात न आ जाए। अब इस खोफ को लेकर अनस और बाबर उसी पुलिस की शरण में हैं, जिनके रिकॉर्ड में वे पिछले दो माह से फरार घोषित हैं।

और पुलिस ने निभाया फर्ज
धारा 307 के मामले के ताजा आरोपी अनस पर पिछले कई मामले भी दर्ज हैं। लेकिन पुलिस ने उसकी सुरक्षा के लिए शरीफ और बेकुसूर फरियादियों के घर पर दस्तक देना शुरू कर दिया है। ताजा फरमान यह धमाया गया है कि इन निर्दोष लोगों से शहर की शांति और अनस की जान को खतरा है। इसके चलते इन्हें पुलिस के सामने पेश होकर इस बात का बॉन्ड लिखना होगा कि वे अगले एक साल तक कोई झगड़ा, विवाद या अप्रिय घटना नहीं करेंगे। दबाव यह भी है कि इन्हें इस बॉन्ड के साथ एक मोटी रकम की जमानत भी हासिल करना पड़ेगी।

सवालों के घेरे में पुलिस
थाना टीला जमालपुरा की पुलिस कार्यवाही पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि एक ही अपराध और एक जैसी धाराओं में मामला दर्ज होने के बाद एक पक्ष की ही गिरफ्तारी क्यों की गई? खुलेआम घूम रहे अनस और बाबर पुलिस के रिकॉर्ड में फरार क्यों हैं? आधा दर्जन से ज्यादा गंभीर मामलों के आरोपी अनस और बाबर पर पुलिस की मेहरबानी की वजह क्या है?

लगाएंगे मुख्यालय में गुहार
शातिर असामाजिक तत्वों और पुलिस गठजोड़ का शिकार होने के बाद भी लगातार पुलिस प्रताड़ना से घिरे फरियादी फैजान और नोमान अब अपनी व्यथा पीएचक्यू जाकर पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस कमिश्नर को बताएंगे। इस दौरान वे इस साजिश भरे हमले से गोली और तलवार लगने के जख्म भी दिखाएंगे और इसके चलते हुए कारोबारी नुकसान से बिगड़ी आर्थिक स्थिति का जिक्र भी करेंगे। इस मुलाकात के बाद यह फरियादी पुलिस दमन की दास्तान मीडिया के सामने भी रखेंगे।

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