गाजीपुर में 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को 14 साल की सजा, 30 हजार का जुर्माना

उत्तर प्रदेश की गाजीपुर कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी मन्नू यादव को 14 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इसके साथ ही 30,000 का जुर्माना भरने के भी निर्देश दिए. इस अर्थ दंड की राशि में से आधी रकम पीड़िता के पुनर्वास के लिए देना होगी.

बुधवार को विशेष लोक अभियोजक रविकांत पांडे ने बताया कि मामला जमानिया थाना क्षेत्र के गांव का है. यहां रहने वाले एक युवक 6 साल की एक मासूम के साथ दुष्कर्म किया था. युवक 16 जून 2016 को बच्ची को बिस्किट का लालच देकर  अपने घर ले गया और इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया.

छह साल की बच्ची से किया दुष्कर्म

बच्ची को जान से मारने की धमकी दी गई, जिसके बाद बच्ची ने घर में किसी को कुछ नहीं बताया. लेकिन, वो काफी डरी और सहमी हुई लग रही थी, जिसके बाद मां ने उससे पूछा तो उसने सारी बातें मां को बता दीं. इसके बाद मां ने तुरंत सारी जानकारी बच्ची के पिता को दी जो बाहर रहकर काम करते थे.

पीड़ित परिवार की शिकायत के बाद स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया. इस मामले में विवेचना शुरू हुआ और 16 नवंबर 2016 को कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल हुआ. विशेष लोक अभियोजन की तरफ से सात गवाह पेश किए गए जो अधिवक्ता की बातों का समर्थन किया.

कोर्ट ने सुनाई 14 साल की सजा

कोर्ट में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने इस मामले पर बहस की और अपना-अपना पक्ष रखा. दोनों पक्षों को सुनने के बाद पॉस्को के न्यायाधीश राम अवतार ने आरोपी को दोषी करार दिया और सजा सुनाते हुए 14 साल की सजा और 30,000 रुपये का अर्थदंड लगाया है. दोषी इस मामले में 5 सालों से जेल में ही है. सजा के दौरान भी अभियुक्त को कोर्ट में पेश किया गया था.  सजा के ऐलान के बाद पीड़ित परिवार ने न्याय पर भरोसा जताया है.

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