श्रावस्ती : उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में फर्जी दस्तावेज के आधार पर शिक्षक के पद पर नौकरी करने वाले आरोपी को कोर्ट ने सजा सुनाई है. यह मामला श्रावस्ती जिले के महुली ब्लॉक के जमीरा निवासी शोभानाथ पुत्र जट्टू से जुड़ा हुआ है, जिसे जालसाजी के आरोप में दोषी पाया गया. कोर्ट ने आरोपी शोभानाथ को पांच वर्ष 11 माह का कारावास और 10,500 रुपये के जुर्माने से दंडित किया है.
आरोपी शोभानाथ ने अपने शैक्षिक अभिलेखों में जालसाजी की थी और फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षक के पद पर नौकरी पा ली थी. जब उसके शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच की गई, तो फर्जीवाड़े का मामला उजागर हो गया. इस खुलासे के बाद वर्ष 2018 में खंड शिक्षाधिकारी गिलौला ने गिलौला थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
मामला दर्ज होने के बाद की कार्यवाही
पुलिस ने शोभानाथ के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था. बाद में उसे जमानत पर रिहा किया गया, लेकिन मामले की सुनवाई जारी रही. शुक्रवार को यह मामला सीजेएम कोर्ट में पहुंचा, जहां न्यायाधीश शारिब अली ने दोषी को सजा सुनाई. कोर्ट ने आरोपी को पांच वर्ष 11 माह का कठोर कारावास और 10,500 रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना न भरने पर आरोपी को अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी.
अंतिम फैसला और सजा
मामले के विचारण के बाद सीजेएम शारिब अली ने आरोपी को सजा सुनाते हुए उसे पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया. यह मामला एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, जो यह दर्शाता है कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी नौकरी पाने की कोशिशों को अब कड़ी सजा मिल रही है.