Vayam Bharat

‘आंदोलन करने वाले खिलाड़ियों पर हो देशद्रोह का मुकदमा’, विनेश-बजरंग के कांग्रेस में शामिल होने पर बोले कुश्ती संघ अध्यक्ष

रेसलर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. विनेश आगामी चुनाव भी लड़ने जा रही हैं. खिलाड़ियों के कांग्रेस में शामिल होने और चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद अब बयानबाजी भी जोरों पर है. इस क्रम में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने खिलाड़ियों के जंतर-मंतर पर हुए आंदोलन को लेकर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि इस पूरे आंदोलन की पटकथा ही कांग्रेस के कार्यालय में लिखी गई.

Advertisement

संजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने इसकी शुरुआत इसलिए की क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बयान जारी किया था कि भारतीय कुश्ती सुरक्षित हाथों में है. कुश्ती की बढ़ती लोकप्रियता कांग्रेस से पची नहीं. इसलिए कांग्रेस ने एक सुनियोजित षड्यंत्र रचा, जिसमें सबसे बड़े दुर्भाग्य की बात है कि दीपेंद्र हुड्डा और भूपेंद्र हुड्डा ने बेटियों का इस्तेमाल किया है. बेटियों का इस्तेमाल करके एक आंदोलन को धार दी और आंदोलन कराया.

पूरे आंदोलन के पीछे दीपेंद्र और भूपेंद्र हुड्डा: संजय सिंह

उन्होंने आगे कहा कि बृजभूषण शरण सिंह पर अगर किसी भी तरह का आरोप लगेगा तो हिंदुस्तान की जनता का परसेप्शन है कि वह कर भी सकते हैं, लेकिन छेड़खानी जैसा आरोप लगाया जाना गलत था. क्योंकि बृजभूषण शरण सिंह के राजनीतिक जीवन की शुरुआत ही उनके कॉलेज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हुई थी. क्योंकि कुछ बच्चियों को उन्होंने शोहदों से बचाया था और फिर पूरे कॉलेज ने उनको हाथों हाथ लिया और वह उस कॉलेज के महामंत्री भी चुन लिए गए. पहले दिन से ही बोला गया था कि पूरा आंदोलन सुनियोजित है, वह सारी चीज अब सामने आने लगी हैं. पूरे आंदोलन के पीछे दीपेंद्र, भूपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस है, और आज यह बात साबित हो गया है.

‘आंदोलन की जांच कराई जाए’

बृजभूषण शरण सिंह का यह बयान कि विनेश फोगाट मेडल के लायक ही नहीं थी, इस बयान पर भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष ने कहा कि मेडल किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे देश का होता है और ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि वह मैडल लायक नहीं थीं. क्योंकि वह बाकी बच्चियों का हक मार के ओलंपिक में गईं. संजय सिंह ने सीधे तौर पर भारतीय कुश्ती को ओलंपिक में हुए मेडल के नुकसान के लिए विनेश फोगाट को जिम्मेदार ठहराया और भारत सरकार से यह मांग की कि पूरे आंदोलन की जांच कराई जाए और इन 3 लोगों पर देशद्रोह का भी मुकदमा चलाया जाए. क्योंकि कुश्ती में 5 से 6 मेडल आने वाले थे.

‘साक्षी मलिक ने खेल का बंटाधार कर दिया’

संजय सिंह ने कहा कि बजरंग पुनिया का कहना है कि आंदोलन के दौरान अगर पीएम मोदी उन लोगों को फोन करते तो सब कुछ ठीक हो जाता, तो क्या ऐसा होने पर लगाए गए छेड़खानी के आरोप भी खत्म हो जाता? इससे साबित होता है कि आंदोलन अपने ईगो के लिए लड़ा जा रहा था. साक्षी मलिक का चुनाव नहीं लड़ना उनका अपना व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन खेल का उन्होंने (साक्षी मालिक) बंटाधार तो कर ही दिया है. वह राजनीति करें, चाहे ना करें, लेकिन भारतीय कुश्ती संघ का कुछ नहीं कर सकती हैं.

उन्होंने कहा कि उनके आंदोलन की कलई खुल चुकी है. पूरा देश इस बात को जान चुका है. हरियाणा के सारे खिलाड़ी गार्जियन जनता सभी हम लोगों के साथ हैं और अभी इनको चुनाव में भी अच्छा परिणाम मिलेगा और यहां भी राजनीति में हारेंगी. बजरंग पुनिया अभी मठाधीसी करने के मूड में होंगे, इसलिए चुनाव नहीं लड़ना चाह रहे होंगे. हो सकता है एक ही टिकट की डील हुई हो.

Advertisements