केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लीडरशिप वाली GST Council की बैठक 3 से 4 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में होने वाली है. 15 अगस्त को पीएम मोदी के जीएसटी को लेकर ऐलान के बाद इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है. उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में दिवाली पर होने वाले जीएसटी रिफॉर्म के तहत विचार-विमर्श हो सकते हैं और कई जरूरी चीजों पर टैक्स में कटौती की जा सकती है.
अधिकारियों ने संकेत दिया है कि नए जीएसटी मॉडल में दो-स्लैब सिस्टम हो सकता है. एक ब्रैकेट आवश्यक वस्तुओं के लिए 0-5% और दूसरा ज्यादातर वस्तुओं के लिए 12-18% तक होगा. साथ ही तंबाकू और गुटखा जैसे हानिकारक उत्पादों पर 40% का ‘सिन टैक्स’ भी लगाया जा सकता है.
इस बैठक से पहले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान सामने आया है. सिटी यूनियन बैंक के 120वें स्थापना दिवस समारोह में बोलते हुए, सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि GST Reform का लक्ष्य अर्थव्यवस्था को ‘पूरी तरह से खुला और पारदर्शी’ बनाना है और साथ ही व्यवसायों, खासकर छोटे उद्यमों पर अनुपालन का बोझ कम करना है.
छोटे उद्योगों के लिए बड़ी मदद होगी
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेक्स्ट जनरेशन के सुधारों के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जो नियमों को सरल बनाने, लागत कम करने और स्टार्टअप्स, MSME और उद्यमियों के लिए एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर केंद्रित है. वित्त मंत्री ने कहा कि नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी सुधार की शुरुआत, जिसकी बैठक कल और परसो होगी- बोझ को और कम करेगी और छोटे बिजनेस के डेवलप होने में तेजी आएगी.
उन्होंने भारत के विकसित भारत 2047 के नजरिए को आगे बढ़ाने में बैंकों की व्यापक भूमिका पर भी जोर दिया, जिसमें कर्ज का विस्तार, इंफ्रा को सपोर्ट और एमएसएमई, बैंकिंग सेवाओं से वंचित आबादी के लिए समय पर फंडिंग सुनिश्चित करना शामिल है.
जीएसटी सुधार को लेकर क्या बोल रहे एक्सपर्ट?
एनपीवी एंड एसोसिएट्स के बृजेश गांधी ने बताया कि जीएसटी 2.0 मौजूदा 5%, 12%, 18% और 28% के स्लैब को एक सुव्यवस्थित सिस्टम में शामिल कर देगा. आवश्यक वस्तुओं पर 5%, अधिकांश वस्तुओं पर 18% और पाप या विलासिता की वस्तुओं पर 40% जीएसटी लागू हो सकता है.
एनपीवी एंड एसोसिएट्स एलएलपी के पार्टनर बृजेश गांधी ने कहा कि जीएसटी 2.0 सुधार 5%, 12%, 18% और 28% स्लैब को अधिक सुव्यवस्थित प्रणाली में विलय करके वर्तमान कर संरचना को सरल बनाता है.
ये चीजें हो सकती हैं सस्ती
उन्होंने आगे कहा कि टूथपेस्ट, छाते, सिलाई मशीनें और छोटी वाशिंग मशीनें जैसी वस्तुएं अब 5% के टैक्स स्लैब में आ गई हैं. इस बीच, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयर कंडीशनर, टीवी, छोटी कारें और दोपहिया वाहन जैसी उच्च-जीएसटी वाली वस्तुएं 28% के स्लैब से 18% के स्लैब में आ जाएंगी. इससे ये चीजें सस्ती हो सकती है.
उन्होंने आगे कहा कि सीमेंट पर भी 28% से 18% तक की कटौती हो सकती है, जिससे निर्माण क्षेत्र को राहत मिलेगी. कृषि, कपड़ा, स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम को कम इनपुट लागत औरछूट का लाभ मिल सकता है.