उत्तर प्रदेश में पहली बार विदेश में बैठे किसी व्यक्ति ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किसी कोर्ट में अपनी गवाही दर्ज कराई है. यह गवाही हाई कोर्ट के आदेश पर कानपुर की स्थानीय कोर्ट में एक मकान पर कब्जे के मामले में हुई.
आपको बता दें कि कानपुर में मकान कब्जे के एक मामले में 2014 में दर्ज शिकायत पर बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही हुई. शिकायतकर्ता अमेरिका के शिकागो में भारतीय वाणिज्य दूतावास से जुड़ीं. यह प्रक्रिया सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक चली.
दरअसल, 2004 में राजकुमारी शाह और उनकी बेटी कविता अमेरिका चली गई थीं. मकान बेचने के लिए उन्होंने नरेंद्र सिंह से समझौता किया था. आरोप है कि नरेंद्र ने आधा भुगतान कर मकान पर कब्जा कर लिया. जिसपर मार्च 2014 में राजकुमारी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ईमेल कर यह मामला उठाया. जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद जून 2014 में एफआईआर दर्ज हुई.
ट्रायल कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गवाही पर आपत्ति जताई, लेकिन हाई कोर्ट ने इसे मंजूरी दी. विदेश मंत्रालय की मदद से शिकागो स्थित दूतावास में कविता का बयान दर्ज हुआ. कानपुर कोर्ट ने विदेश मंत्रालय के जरिए शिकागो में भारतीय वाणिज्य दूतावास से संपर्क किय. वहां कॉन्सुलेट जनरल और कोऑर्डिनेटर की मौजूदगी में कविता की गवाही हुई.
कविता की मां राजकुमारी शाह पर बिहार के मुंगेर में दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज है, जिसकी वजह से वे भारत नहीं लौटीं. ऐसे कोर्ट में गवाही के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सहारा लिया गया. शुरू में निचली कोर्ट ने इनकार कर दिया था, मगर ऊपरी कोर्ट ने मंजूरी दे दी है. फिलहाल, मामले में फैसला आना बाकी है.