छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ पिछले पांच सालों से राज्य सरकार को स्टेडियम सौंपने के लिए पत्र लिख रहा है, लेकिन अब तक सरकार इस पर फैसला नहीं कर सकी। जुलाई के महीने हुई कैबिनेट की बैठक में संघ को नया रायपुर में आठ एकड़ जमीन देने पर फैसला कर दिया गया। दूसरी ओर, सरकार के अधिकारियों ने दैनिक भास्कर की खबर के बाद फाइल के फाइनल पोजिशन में पहुंचने की जानकारी दी थी।
उस समय खेल मंत्री टंकराम वर्मा थे। लगभग 40 दिन पहले ही मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद डिप्टी सीएम अरुण साव को खेल मंत्री बनाया गया है। हालांकि इस फेरबदल के पहले ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय स्टेडियम सौंपने की मंजूरी दे चुके हैं। अब अधिकारियों का कहना है कि नए खेल मंत्री हैं, स्टेडियम को सौंपने के लिए फाइल नए सिरे से चलाई जाएगी।
सरकार और क्रिकेट संघ के बीच फंसा पेंच
जानकारी के मुताबिक अकादमी के लिए भी कई बार राज्य सरकार को पत्र लिखा गया था। इसके बाद जमीन दी जा रही है। क्रिकेट संघ ने अत्याधुनिक अकादमी के लिए 20 एकड़ जमीन की मांग की थी, लेकिन महज 8 एकड़ जमीन ही मंजूर की गई। इस वजह से संघ को समझौता करना पड़ रहा है।
नवा रायपुर स्थित शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में लगातार घरेलू टूर्नामेंट हो रहे हैं। प्रभतेज भाटिया के बीसीसीआई की शीर्ष कमेटी में होने की वजह से अब साल में एक या दो इंटरनेशनल मैचों की मेजबानी मिलने की उम्मीद है। इसके लिए जरूरी है कि स्टेडियम संघ को सौंपा जाए। इस फैसले पर छत्तीसगढ़ में क्रिकेट का भविष्य भी टिका है।
- 76 करोड़ में इंटरनेशनल स्टेडियम का निर्माण
- 2009 में क्रिकेट मैदान बनकर हुआ तैयार
- 02 करोड़ रुपए हर साल मेंटेनेंस खर्च
- 2013 से पीडब्ल्यूडी को मेंटेनेंस का जिम्मा
राज्य सरकार के समक्ष स्टेडियम देने की प्रक्रिया विचाराधीन है। मुझे इसकी जानकारी है। जल्द ही इसका फैसला कर दिया जाएगा।