विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन प्रश्नकाल में 2024 में हुई राजस्व निरीक्षक भर्ती गड़बड़ी के मुद्दे पर जमकर हंगामा हो गया। राजेश मूणत ने सदन में मामला उठाकर गड़बड़ी पिछली सरकार में होने की बात कही तो विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। उन्होंने परीक्षा मौजूदा सरकार में होने की बात कही। भूपेश बघेल ने मामले की सीबीआई जांच मांगी है।
हालांकि राजस्व मंत्री ने भर्ती परीक्षा में अनियमितता को स्वीकारा और कहा कि पांच सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी हुई। उच्च स्तरीय जांच के लिए EOW से 40 बिंदुओं में जांच कराई जा रही है। मंत्री टंकराम वर्मा ने आगामी विधानसभा से पहले कार्रवाई का ऐलान किया है।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने EOW जांच के आदेश किसके द्वारा दिए जाने का सवाल उठाया तो जवाब में मंत्री टंकराम वर्मा ने विभाग द्वारा EOW से जांच कराने के निर्णय की जानकारी दी।
विधानसभा अपडेट्स…
- अजय चंद्राकर ने महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए, कहा कि भर्ती परीक्षा में रोस्टर नियमों का पालन नहीं हुआ है, मनमानी की गई। जिस पर सीएम ने कहा कि गड़बड़ी की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद एक्शन लिया जाएगा।
- वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने वाणिज्यिक कर, छत्तीसगढ़ मूल्य संवर्धित कर अधिनियम, 2005 पटल पर रखा। केदार कश्यप, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि अधिनियम, 2016 का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2023-2024 पटल पर रखा।
- नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने ध्यानाकर्षण में खाद का मुद्दा उठाया, उन्होंने कहा कि व्यापारियों के पास था खाद उपलब्ध है और सरकारी समिति में खाद नहीं है। आज वैकल्पिक व्यवस्था करने के बावजूद भी किसान आपके प्रति भरोसा नहीं रख पा रहा है।
- भूपेश बघेल बोले- सरकार की निष्क्रियता के कारण प्रदेश में खाद और बीज की कमी और बिजली कटौती से किसान त्रस्त है।
- विधायक उमेश पटेल ने कहा कि खेती की शुरुआत के लिए खाद बेहद जरूरी है। उत्पादन कम करने के लिए सरकार जान बूझकर DAP को रोक रही है।
दिवंगत नेताओं को दी गई श्रद्धांजलि
इससे पहले सदन में छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। सक्ती रियासत के राजा और पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र बहादुर सिंह के निधन पर शोक जताया गया। दोनों दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद सभा की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित की गई।
वहीं सदन की कार्रवाई से पहले कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई, सीएम साय, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, डिप्टी सीएम अरुण साव, संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, विधायक अजय चंद्राकर अन्य सदस्य मौजूद रहे।
विधायकों ने लगाए 996 सवाल
बता दें कि 14 जुलाई से 18 जुलाई तक यानी 5 दिनों के मानसून सत्र को लेकर विधायकों ने कुल 996 सवाल लगाए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि इस बार सदन में तीखी बहस और सरकार पर विपक्ष के तीखे हमले देखने को मिल सकते हैं। राज्य में भाजपा सरकार बने करीब डेढ़ साल हो चुके हैं।
राज्य गठन के बाद पहली बार अनुपूरक बजट नहीं
विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार अनुपूरक बजट पेश नहीं करेगी। राज्य गठन के बाद पहली बार सरकार अनुपूरक बजट नहीं ले रही है। सरकार ने इसकी सूचना विधानसभा सचिवालय को दे दी है। इस संबंध में विधानसभा और वित्त विभाग के सूत्रों ने बताया कि सरकार के पास अगले तीन माह के खर्च लायक वित्तीय व्यवस्था होने की वजह से प्रथम अनुपूरक बजट पेश नहीं करने का निर्णय लिया गया है।
यह भी बताया गया है कि सरकार ने बीते बजट सत्र में आकस्मिकता निधि में बढ़ोतरी कर दी थी। इसे इसी वित्त वर्ष से ही 100 करोड़ से बढ़ाकर 1000 करोड़ का किया गया है। इस मद से 999 करोड़ तक के आकस्मिक खर्च किए जा सकेंगे।