छत्तीसगढ़ में ‘द बंगाल फाइल्स’ की चर्चा, नेताओं ने साधा ममता सरकार पर निशाना

छत्तीसगढ़ में चर्चित फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। पश्चिम बंगाल के विधायक सुशांत घोष और छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने राज्य में फिल्म देखकर इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। फिल्म में दिखाए गए घटनाक्रम और ममता बनर्जी सरकार के बैन को लेकर दोनों नेताओं ने इसे गंभीर मामला बताया।

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सुशांत घोष ने कहा कि ममता बनर्जी इस फिल्म से डर रही हैं क्योंकि यह बंगाल में हुए हिंदू विरोधी अत्याचारों को उजागर करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल में एक एजेंडा चल रहा है, जिसमें हिंदू समुदाय को मारने और उनकी धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुँचाने की घटनाओं को अंजाम दिया गया। उनका कहना था कि ममता सरकार सच को छुपाना चाहती है, लेकिन यह सच देश और दुनिया के सामने लाना आवश्यक है।

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने फिल्म को ऐतिहासिक और वर्तमान घटनाओं का दस्तावेज बताते हुए कहा कि विभाजन के समय बंगाल में जो विभीषिका हुई, इसे फिल्म ने उजागर किया है। उन्होंने कहा कि फिल्म में पुराने अखबारों की कटिंग्स और ऐतिहासिक तस्वीरें दिखाई गई हैं, जो सिर्फ अतीत की कहानी नहीं बल्कि आज की हकीकत को भी सामने लाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म का आधा हिस्सा अभी बाकी है और इसे आगे भी देखा जाएगा।

विजय शर्मा ने यह स्पष्ट किया कि पश्चिम बंगाल में अगर राज्य सरकार फिल्म को बैन कर रही है तो लोग नेटफ्लिक्स के माध्यम से इसे देख सकते हैं। उनका कहना था कि सच को जनता तक पहुंचने से कोई रोक नहीं सकता।

पश्चिम बंगाल में इस फिल्म को लेकर राजनीतिक विवाद जारी है। एक ओर सरकार ने इसे प्रतिबंधित किया है, वहीं विपक्ष का कहना है कि फिल्म में जो दिखाया गया है वह बंगाल के इतिहास और मौजूदा हालात की सच्चाई को उजागर करता है। छत्तीसगढ़ में नेताओं की प्रतिक्रिया ने इस फिल्म को राष्ट्रीय चर्चा का विषय बना दिया है।

फिल्म की घटनाएँ और नेताओं के बयानों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत में सांप्रदायिक हिंसा और इतिहास के पहलुओं को लेकर जनता और राजनीतिक दलों के बीच संवेदनशीलता बढ़ी है। इस विषय पर सामाजिक और राजनीतिक विमर्श भी जारी रहेगा।

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