छत्तीसगढ़ के बस्तर के माओवाद प्रभावित नारायणपुर से एक बेटी की बहादुरी की कहानी सामने आई है. इस बेटी ने अपने पिता की जान बचाने के लिए अकेले ही चार हमलावरों से लड़ गई. दरअसल, सोमवार की रात लगभग 7 बजे नारायणपुर जिले के झारा गांव में अज्ञात हथियारबंद हमलावरों ने डोजर नामक ग्रामीण के घर में घुसकर उन पर जानलेवा हमला किया. इस दौरान हमलावरों ने धारदार हथियार से डोजर के गर्दन पर वार किया, जो हड़बड़ाहट में पीड़ित के सीने में जा लगा. हमलावर दूसरा हमला कर पाते, तभी अचानक मौके पर उनकी बेटी पहुंच गई. इसके बाद इस बहादुर बेटी ने अकेले ही चार हमलावरों से अपने पिता को बचाने के लिए भिड़ गईं.
इस तरह हमलावरों को किया परास्त
पूरी प्लानिंग से हमला करने पहुंचे हमलावरों के हाथ से बहादुर बेटी ने कुल्हाड़ी छीन लिया. हालांकि, इस दौरान धक्कामुक्की कर हमलावरों ने उसे जमीन पर पटक दिया, पर वो पीड़ित पर दूसरा हमला करने में सफल नहीं हो पाए. इसी दौरान बेटी चीखने चिल्लाने लगी. इसके बाद हमलावर डरकर मौके से फरार हो गए. घटना की जानकारी मिलते ही आस पास के ग्रामीण मदद को पहुंचे और पीड़ित को अस्पताल पहुंचाया गया.
घायल की स्थिति को देखते हुए फिलहाल उन्हें जगदलपुर के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज लाया गया है. जहां उनकी स्थिति खतरे से बाहर है. चर्चा के दौरान हमले की पूरी कहानी सामने आई, जिसे प्रथम दृष्टया नक्सल हमले से जोड़कर देखा जा रहा था, पर परिजनों ने इस हमले में पीड़ित के छोटे भाई के होने का अंदेशा जताया है. वहीं, नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने भी पहले ही इस घटना को नक्सल घटना होने से इंकार करते हुए पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.