जिस बहन की पिछले साल हो गई थी मौत, उसके ‘हाथ’ से राखी बंधवाकर भाई हुआ भावुक, रुला देगी ये कहानी

रक्षाबंधन का त्यौहार सभी भाई-बहनों के लिए बहुत ही खास होता है. 16 साल की अनमता अहमद जब शिवम मिस्त्री की कलाई पर राखी बांध रही थी, तो वहां उपस्थित हर एक व्यक्ति की आंखें नम थी. दोनों एक दूसरे को बहुत ही प्यार और अपनेपन से देख रहे थे, मानो उनका सालो पुराना रिश्ता हो. इन दोनों भाई-बहनों का नाता खून का नहीं, बल्कि एक भावुक कर देने वाली कहानी का परिणाम है.

दरअसल, अनमता जिन हाथों से शिवम के कलाई पर राखी बांध रही थी, उनमें से एक हाथ शिवम की बहन रिया का था. नौ साल की रिया की पिछले साल यानी 2024 में मृत्यू हो गई थी. सूरत स्थित एक गैर सरकारी संगठन की मदद से रिया का एक हाथ अनमता को प्रत्यारोपित किया गया था, जो शिवम के घर (वलसाड) से 180 किलोमीटर दूर गोरेगांव, मुंबई में रहती है.

अनमता से मिलकर शिवम के पिता हुए भावुक

शिवम के पिता बॉबी मिस्त्री भावुक होकर कहते हैं कि हमने अनमता का हाथ छुआ और हमें ऐसा लगा जैसे वह रिया हो. उन्होंने बताया कि रिया हमारे पूरे परिवार में इकलौती लड़की थी. अनमता का हाथ छूकर हमें लगा जैसे हमारी बेटी अभी भी जिंदा है.

बता दें कि अनमता दसवीं कक्षा में थी, जब एक हाई-टेंशन तार के संपर्क में आ गई थी. 2022 में डॉक्टरों को उसका पूरा दाहिना हाथ काटना पड़ा. यहां तक कि उसका बायां हाथ भी 20% क्षमता पर काम कर रहा था.

इस तरह हुई रिया की मौत

वहीं दो साल बाद सितंबर महिने में वलसाड में चौथी कक्षा की छात्रा रिया बीमार पड़ गई. उसे उल्टियां होने लगीं और असहनीय सिरदर्द की शिकायत होने लगी. कई अस्पतालों में इलाज कराने के बाद, उसके माता-पिता ने उसे 15 सितंबर को सूरत के किरण अस्पताल में भर्ती कराया. सीटी स्कैन से पता चला कि रक्तस्राव के कारण उसकी ब्रेन डेड हो गया था. जिसके बाद रिया का पूरा परिवार स्तब्ध रह गया. उसी दौरान डोनेट लाइफ एनजीओ ने रिया के परिवार से संपर्क किया और उन्हें अंगदान की सलाह दी. जिसके बाद वे उसके अंगदान के लिए राजी हो गए.

SOTTO (राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन) में पंजीकरण कराया गया और रिया का दाहिना हाथ, कंधे से शुरू करके, काटकर मुंबई भेज दिया गया. डोनेट लाइफ एनजीओ के अध्यक्ष नीलेश मंडलेवाला बताते हैं कि 17 सितंबर को अनमता में यह प्रत्यारोपण किया गया, जिससे अनमता कंधे से यह प्रक्रिया करवाने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला बन गई. रिया के गुर्दे और लीवर भी अलग-अलग जरूरतमंदों को दान कर दिए गए.

रक्षाबंधन के एक दिन पहले अनमता शिवम से मिलने आई

रक्षाबंधन से एक दिन पहले शुक्रवार को अनमता अपने माता-पिता के साथ वलसाड आई. मांडलेवाला बताते हैं कि आज यह पहली बार था जब अकील अहमद (अनमता के पिता) और बॉबी मिस्त्री के रिवार अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ एक-दूसरे से मिले.

बॉबी कहते हैं कि उन्हें उस एनजीओ द्वारा आयोजित राखी समारोह के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जिसके अनुरोध पर अहमद परिवार वलसाड आया था. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए एक आश्चर्य की बात थी. मैं काम पर गया हुआ था जब मेरी पत्नी तृष्णा ने मुझे फोन किया और जल्दी घर आने को कहा. मैं और मेरा बेटा शुक्रवार दोपहर एक ही समय पर घर पहुंचे. मैंने देखा कि मेरा घर रिश्तेदारों, दोस्तों और डोनेट लाइफ के सदस्यों से भरा हुआ था. मैंने अकील अहमद को उनकी पत्नी और बेटी के साथ देखा और अनमता भी वहां मौजूद थीं. उन्हें देखकर मैं दंग रह गया. उन्होंने मुझे बताया कि वे शिवम को राखी बांधने वलसाड आए हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए एक यादगार पल था.

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