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“व्यापारी के बेटे ने गंगा में कूदकर दी थी जान, एक महीने बाद बहकर आई लाश, पहचान हुई”

बीते 26 नवंबर को ऋषिकेश के बहात्तर सीढ़ी घाट से एक युवक ने छलांग लगा दी थी. घटना के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को इस बात की जानकारी दी. पुलिस मौके पर पहुंच गई, लेकिन पुलिस को युवक का कहीं कुछ भी पता नहीं चला. पुलिस ने जब जांच की, तो उन्हें गंगा में कूदे युवक का मोबाइल और जूते मिले. पुलिस युवक की तलाश के लिए अगले दिन एसडीआरएफ के साथ बहात्तर सीढ़ी घाट पहुंच गई. हालांकि 3 दिसंबर तक पुलिस और SDRF को युवक नहीं मिला.

4 दिसंबर को पुलिस और SDRF टीम को एक युवक का शव सड़ी-गली हालत में बैराज जलाशय के पास बरामद हुआ है. बरामद हुए मोबाइल की जांच के बाद पुलिस ने युवक के शव की पहचान के लिए एक व्यापारी को बुलाया, लेकिन व्यापारी युवक की शिनाख्त नहीं कर पाया. करीब 72 घंटे के बाद भी जब युवक की पहचान नहीं हुई तो पुलिस ने 7 दिसंबर को युवक के शव का पूरे विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार करवा दिया.

व्यापारी के बेटे के तौर पर हुई पहचान

पुलिस DNA टेस्ट कराने की तैयारी कर ही रही थी कि गुरुवार को व्यापारी दलीप अरोड़ा का बेटा ऋषभ पुलिस के पास पहुंच गया. ऋषभ ने शव की फोटो, कड़े और घड़ी के आधार पर उसकी पहचान अपने 21 वर्षीय भाई गौतम के रूप में की. पुलिस का कहना है कि दाह संस्कार से पहले युवक का पोस्टमार्टम करवा गया था. पोस्टमार्टम के दौरान लिए गए सैंपल की DNA जांच कराने के लिए हम कोर्ट से अनुमति लेंगे.

पुलिस ने शुरू की जांच

बताया जा रहा है कि युवक अपने परिवार के साथ ऋषिकेश के रेलवे रोड के पास रहता था. उसके पिता व्यापारी है, जो कुछ दिनों पहले अपने बेटे की शिनाख्त नहीं कर पाए थे, लेकिन अब उनके दूसरे बेटे ने शव की पहचान अपने भाई के तौर पर की है. पुलिस ने मामला दर्ज कर युवक के हत्या और आत्महत्या करने जैसे दोनों ही पहलूओं की जांच शुरू कर दी है.

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